नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आज केन्द्र और आप सरकार के बीच टकराव एक बार फिर देखने को मिला। दिल्ली सरकार के वकील ने जेएनयू छात्र संघ के प्रमुख को जेल में रखने के केन्द्र के रूख का कड़ा विरोध किया। आप सरकार के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल :एएसजी: तुषार मेहता की इस बात का विरोध किया कि सबूत हैं कि कन्हैया ने नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए। उन्होंने कहा कि वह ‘‘निर्दोष’’ है क्योंकि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
मेहरा ने न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी से कहा, ‘‘राज्य के रूप में, मैं अदालत से उन्हें जमानत देने की प्रार्थना करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कन्हैया ने भारत विरोधी नारे नहीं लगाए थे।’’ उधर, एएसजी मेहता के जरिये केन्द्र और पुलिस ने कन्हैया की गिरफ्तारी का बचाव किया और कहा कि पर्चे और गवाहों के बयान हैं जो साफ तौर पर कहते हैं कि कन्हैया और अन्य ने भारत विरोधी नारे लगाए और अफजल गुरू के पोस्टर हाथ में लिये।