आगरा: भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सरकार बनते ही अवैध पशु कटान बंद कराने का वादा किया था। प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के बाद से अवैध कट्टीखानों पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निकायों का तिहरा वार हो रहा है। कार्रवाई के शुरू होते ही मांस का कारोबार करने वालों में हलचल शुरू हो गई थी। शासन द्वारा अवैध पशु कटान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने और लाइसेंस के नवीनीकरण पर रोक को लेकर मांस कारोबारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। बुधवार को बड़ी संख्या में मांस कारोबारी नगर निगम पहुंचे और लाइसेंस के नवीनीकरण शुरू करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।
हुआ यूं कि आज पार्षद हाजी बिलाल के नेतृत्व में पांच दर्जन से अधिक कारोबारी नगर निगम पहुंचे और नए लाइसेंस और पुराने लाइसेंस की नवीनीकरण प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। लोगों ने नारेबाजी की और हंगामा करते हुए उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी जिला व नगर निगम प्रशासन को दी। बाद में सभी ने प्रभारी नगर आयुक्त सीएफओ हरीराम गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश शर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशों के हिसाब से काम किया जाएगा। मांस कारोबारी हंगामा तो कर रहे हैं, लेकिन ढाई महीने के दौरान उन्होंने लाइसेंस क्यों नहीं बनवाया, इसका उत्तर उनके पास नहीं है।
कब हुआ नवीनीकारण
16 मार्च तक नगर निगम में मांस विक्रय के केवल 127 लाइसेंसों का नवीनीकरण हुआ था, जबकि पिछले 31 दिसंबर 2016 को यह संख्या 239 थी। इसका मतलब साफ था कि मांस कारोबारी मुफ्त में व्यापार चला रहे थे। योगी सरकार आने के बाद से कुछ लाइसेंसों का नवीनीकरण हुआ और संख्या 181 तक जा पहुंची है। मगर, मंगलवार को शासन ने नवीनीकरण पर रोक लगा दी। सूत्रों के मुताबिक बाकी बचे 58 लाइसेंस धारकों के अलावा करीब 500 कारोबारी लाइसेंस की लाइन में हैं। रोक की वजह से दुकानों में ताला लटक गया है।