आगरा : देश में लाखों बच्चे कई तरह की हिंसा के शिकार हो रहे हैं। जिनमें लगातार बढ़ रही यौन हिंसा बहुत चिंताजनक है। डर और सामाजिक वजर्नाओं के कारण अधिकांश मामलों में बच्चे शिकायत नहीं कर पाते हैं अथवा माता-पिता ही ऐसे पाप को छुपा लेते हैं क्योकि यौन हिंसा करने वाले ज्यादातर लोग जाने-पहचाने होते हैं। अभिभावकों के अंदर अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। बच्चों और किशोरों को बहला फुसलाकर जोर-जबरदस्ती करके अथवा लालच देकर उसे हिंसा के हथियार और ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
आम लोगों में बच्चों की सुरक्षा से संबंधित कानूनों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी का अभाव है। इन सब चीजों के लिए व्यापक आंदोलन की जरूरत है। राष्ट्रव्यापी जन-जागरण और युवा चेतना का ऐसा अभियान जो सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा दे सके। भारत में सामाजिक पुर्नजागरण के लिए यात्राओं सफल तथा प्रभावी परंपरा है। पीड़ितों के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के बीच पहुंच कर उसे साथ लेकर चलने से बदलाव हो सके। इसी क्रम में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और बचपन बचानें में संघर्षरत कैलाश सत्यार्थी ने सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत हेतु जन जागरूकता के लिए भारत यात्रा करने का निर्णय लिया है। यह भारत यात्रा 11 सितंबर से कन्याकुमार से शुरू होगी जो विभिन्न राज्यों से होती हुई 15 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी। यात्रा में स्कूलों कॉलेजो, विश्वविद्यालयों आदि के छात्रों के अलावा सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, मीडिया, सामुदायिक रेडियो स्टेशन और कॉरपोरेट जगर के लोग शामिल होंगे। यात्रा में सौ से अधिक स्थाई यात्री साथ चलेंगे। उनके साथ प्रतिदिन गांवों व शहरों के हजारों लोग सम्मिलत होंगे। इन सभी कार्यक्रमों में स्थानीय भाषा में नाटकों, गातों, व्याख्यानों आदि के जरिए बाल हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाई जाएगी।
यह भारत यात्रा दस अक्टूबर को आगरा आएगी। इसमें सहयोग के लिए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की टीम ने बाल अधिकारों के संरक्षण में लगे आगरा के चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस से संपर्क किया। और अनुरोध कि आगरा आगमन पर भारत यात्रा का प्रतिनिधित्व करें। कैलाश सत्यार्थी 11 अक्टूबर को एक मार्च निकालकर हजारों बच्चों के बीच यौन शोषण और बाल तस्करी के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।