जयपुर: राजस्थान में चपरासी के 18 पदों के लिए 12000 आवेदन आए हैं. ये नौकरियों की कमी को दिखाने का आंकड़ा हो सकता है लेकिन अगर सीए से लेकर इंजीनियर और पोस्ट ग्रेजुएट आवेदन करें तो आप समझ सकते है कि मामला सिर्फ बेरोजगारी का ही नहीं है ये हमारी शिक्षा व्यवस्था पर भी बहुत बड़ा सवाल है. लेकिन इन्हीं आवेदनकर्ताओं में से एक अगर विधायक का बेटा हो तो मन में कई तरह के सवाल उठना भी लाजिमी है.
राजस्थान के जामवा रामगढ़ के विधायक जगदीश मीणा रामगढ़ से विधायक हैं उनके बेटे रामकृष्ण मीणा ने भी चपरासी के पद के लिए आवेदन किया है. लिस्ट में उनका बेटा 12 वें नंबर पर है. यह नाम सामने आते ही कांग्रेस ने उनके चयन में भेदभाव का आरोप लगाना शुरू कर दिया है जबकि बीजेपी विधायक आरोपों को गलत ठहरा रहे हैं.
दरअसल ये पहली बार नहीं है कि सत्ताधारी दल के विधायक का बेटा उस सदन में चपरासी की नौकरी के लिये चुना गया हो जिस सदन के लिये उसके पिता को जनता ने चुना है. पिछले साल नेवाई के विधायक के बेटे का नाम भी इस लिस्ट में आया था. उस समय भी कई तरह के सवाल उठे थे. विधायकों को बेटों का चपरासी पद के लिए आवेदन और उनमें अपनाई जा रही चयन की प्रक्रिया कितनी सही ये तो जांच का विषय है और साथ में हैरान करने वाला भी.