आगरा : आगरा के विकास और महानगर की सांस्कृतिक क्षेत्र में रहती आयी विशिष्ट पहिचान को और अधिक व्यापक बनाये जाने के लिये अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इम्मोरटिलिटी, सोसाइटी के प्रोजेक्ट -"आगरा विज़न २०२५" के तहत महानगर में श्रीलंका से आये सांस्कृतिक दल की सोसायटी के द्वारा मेजवानी की गयी और साझी सांस्कृतिक संभावनाओं को नया आयाम देने के प्रति प्रतिबद्धता जताने को आगरा श्री कार्यक्रम के तहत ‘आगरा श्री’ कार्यक्रम महानगर के प्रमुख शिक्षा परिसर सैंट पीटर्स कॉलेज में आयोजित किया गया।
श्रीलंका से आये आठ सदस्यीय इस दल के द्वारा अपने दो दिवसी ‘ताज सिटी’ प्रवास के दौरान महानगर के एतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का भ्रमण किया । सुबह श्री लंका के दल ने एक पहेल ngo के दयाल बाग पर सुबह बच्चों के साथ बिताया. बच्चों ने संस्कृतिक प्रस्तुति कि और श्री लंकाई दल ने सिंहले में वहां के लोक गीत गए और बच्चों का मनोरंजन किया. सांय श्रीलंकाई मैहमानों ने भ्रमण के साथ ही अपने देश की लोक संस्कृति एवं परंपराओं का अभिन्न अंगमाने जाली ड्रमर(ढोल विद्या) का भी सेंटपीटर्स कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रमों के साथ कार्यक्रम में विशिष्ठ प्रदर्शन किया।
श्री लंकाई मैहमानों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
मेंहमान दल के द्वारा प्रस्तुत श्रीलंका के परंपरागत संगीत से सुस्सजित नृत्य नाटिका 'वंडर्स आफ श्री लंका' का प्रस्तुतिकरण आयोजन का खास आकर्षण रहा ।इसी क्रम में मैहमान दल के द्वारा पेश किये गये कार्यक्रमों में नाग रक्षा (Nagaraksha) थीम का मुखौटा नृत्य 'रूपत नारी (Rupat Nari) की मंचीय प्रस्तुतियां भी होंगी । जहां नाग रक्ष में नाग और चील का संघर्ष विषय वस्तु है, वहीं रूपत नारी की थीम प्राचीन काल में स्वर्ग की अपसराओं के द्वारा महल में राजा का जीवन दैविये और भौतिक सुखों से भरपूर करना था।