आगरा जोन में 90 दिन के भीतर ही रेप के 129 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। सबसे ज्यादा घटनाएं अलीगढ़ में 27 हुई जबकि दूसरे नंबर पर मथुरा है, जहां 26 केस हुए हैं। इसी साल जनवरी से मार्च तक की है। इनमें ज्यादातर केस ऐसे हैं जिनमें नाबालिग बच्चियों और किशोरियों को हवस का शिकार बनाया गया। स्थिति पर गौर करें तो भी मामले रुके नहीं है। अप्रैल में एटा में ही दो घटनाएं हो चुकी हैं। दोनों में बच्चियों की हत्या भी कर दी गई। रेप की इन 129 घटनाओं में 260 आरोपी नामजद कराए गए थे। पुलिस की जांच 205 पाए गए। 22 को क्लीन चिट मिली। 205 में से 140 को पुलिस ने गिरफ्तार किया। 10 आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर किया। 55 अभी भी फरार चल रहे हैं।
दरिंदगी के खिलाफ ताजनगरी में मिशन बच्ची संस्था ने शहर वासियों के साथ एकजुट होकर घंटा रैली निकाली। दीवानी चैराहा भारत माता की प्रतिमा स्थल से पद यात्रा प्रारम्भ होकर शासन प्रशासन को घण्टा बजा कर जगाते हुऐ शहीद स्मारक संजय पैलेस पर समाप्त हुई। शहीद स्मारक पर आगरा के प्रमुख रंगकर्मीयों ने अपनी टीम के साथ ‘बच्ची जन्म लेगी’ नुक्कड़ नाटक को मंचन किया। उन्नाव और कठुआ और एटा जैसी वारदात पर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। सामाजिक संगठन ही नहीं, स्कूली बच्चे तक गुस्से में नजर आ रहे हैं। रोजाना कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं। कई और संस्थाएं तैयारी कर रही हैं। जगह-जगह स्कूल की छात्राओं ने बच्चियों से हो रही दरिंदगी के खिलाफ आवाज बुलंद की। उनके हाथ में तलवार और हॉकी थी। शायद वो संदेश दे रहीं थीं कि अब बर्दाश्त इंतिहा हो चुकी है।