Display bannar

सुर्खियां

सपा में अध्यक्षों के निष्काषित करने की खबर आने वजह... ये भी रही


आगरा : सपा जिला और महानगर अध्यक्षों के साथ पूरी कमेटी के भंग होने की संभावित खबर यूं ही नहीं उड़ रही है | इसके पीछे कई बड़ी और मजबूत वजह है कि सबसे बड़ी वजह पहले नेताजी और फिर मौजूदा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा तमाम प्रयासों के बावजूद भी समाजवादी पार्टी आगरा में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी। पार्टी ने इस गुटबाजी को खत्म करने के तमाम प्रयास किए कई बार महानगर जिला अध्यक्षों को बदला और नए चेहरों पर दाव लगाते हुए बड़ा कदम भी उठाया लेकिन इसके बावजूद समाजवादी पार्टी आगरा जिला और महानगर में गुटबाजी खत्म होने की जगह बढ़ती ही गई हाल के समय में भी समाजवादी पार्टी महानगर जिले में ना केवल दो फाड़ थे बल्कि कई बार पार्टी पदाधिकारी पार्टी की बैठकों के साथ खुले मंच पर भी एक दूसरे के खिलाफ आस्तीने चढ़ाते हुए नजर आ चुके हैं | 

सपा आलाकमान खासकर अखिलेश यादव आगरा में पार्टी संगठन की गुटबाजी से पिछले काफी अरसे से न केबल बेहद परेशान थे बल्कि बडे खफा भी थे यही कारण था कि पिछले दिनों एकाएक पार्टी के महानगर अध्यक्ष रईसुद्दीन को हटाते हुए महानगर की कमान एक बार फिर अखिलेश यादव ने आगरा में अपने परंपरागत वोट और मुस्लिम समीकरण को ही देखते हुए चौधरी वाजिद निसार पर ही दांव लगाया उस समय भी तमाम पार्टी के लोगो के महानगर अध्य्क्ष बनने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन इसके बावजूद आगरा में अखिलेश ने चौधरी  वाज़िद निसार पर ही भरोसा जताया था | 

जब पार्टी की गुटबाजी खत्म नहीं हुई उस समय भी कयास लगाया जा रहा था कि महानगर के साथ जिले की भी कमेटी भंग हो सकती है लेकिन तब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सपा जिला अध्यक्ष की मेहनत और जुझारूपन को देखते हुए उन्हें उनके पद पर ही बने रहने दिया लेकिन तब भी अखिलेश यादव ने महानगर के साथ जिला अध्यक्ष को छोड़ पूरी जिला कमेटी को भंग किया था इस बार अखिलेश यादव न केवल आगरा में गुटबाजी खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं बल्कि उनकी निगाह 2019 में सपा और बसपा के बनते संभावित गठबंधन पर भी है। यही कारण है इस बार सपा सुप्रीमो महानगर, जिला अध्यक्ष के साथ पूरी कमेटी को ऊर्जावान बनाने के साथ जनता में एक संदेश भी देना चाहते हैं यही कारण है कि पिछले कई दिनों से अखिलेश यादव और सपा के प्रमुख महासचिव प्रो० रामगोपाल यादव आगरा पर नजरें गड़ाए हुए थे| 

लगातार अखिलेश यादव के साथ रामगोपाल यादव को भी आगरा में पार्टी के बढ़ने की जगह कमजोर होने की सूचनाएं मिल रही थी इसके साथ ही पार्टी के कड़े निर्देशों के बावजूद आगरा जिला और महानगर की बूथ कमेटियों में बड़ी गड़बड़ मिली कई बूथ कमेटी तो पूरी की पूरी फर्जी बनाई गई थी इसे लेकर भी सपा सुप्रीमो के साथ प्रोफेसर साहब भी दोनों अध्यक्षों से बेहद नाराज थे इसे लेकर अखिलेश यादव ने प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव को आगरा में समाजवादी पार्टी की जमीनी हकीकत जानने को कहा अखिलेश यादव के सबसे विश्वासपात्र और पार्टी में हाल फिलहाल दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले रामगोपाल यादव इसे लेकर बीते दिनों आगरा भी आए हुए थे इस दौरान भी लगातार प्रोफेसर साहब को उनके सूत्रों और विश्वास पात्रों से उन्हें आगरा में पार्टी की गुटबाजी की जानकारी दी थी इससे एक बार फिर नाराज़ प्रोफेसर साहब 20 नवंबर को अचानक दोपहर करीब 1:30 बजे अचानक फतेहाबाद रोड स्थित पार्टी कार्यालय पहुंच गए इस दौरान पार्टी कार्यालय पर ताला लगा हुआ था और दोनों ही संगठनों में से कोई भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता कार्यालय पर भी मौजूद नहीं मिला इसे लेकर प्रोफेसर साहब बेहद नाराज हुए तब उन्होंने पार्टी कार्यालय के अंदर आकर देखा तो पूरा कार्यालय मिट्टी और धूल से पटा हुआ था बाथरूम गंदा था तथा नल की टोटिया टूटी हुई थी प्रोफेसर साहब पूरे कार्यालय का जायजा ले यहां से बेहद जिझराते हुए निकल गए| 

उनके विश्वास पत्रों ने बताया कि कार्यालय तो कोई आता ही नहीं और दोनों अध्यक्ष घर बैठकर संगठन चला रहे हैं इसके बावजूद प्रोफेसर साहब को पूरी तरह इस बात पर भरोसा नहीं हुआ इसे लेकर एक बार फिर दूसरे दिन यानी 21 नवंबर को प्रोफेसर साहब उसी समय यानी दोपहर 1:30 बजे फतेहाबाद रोड स्थित सपा कार्यालय पहुंचे इस बार भी उन्हें यहां वही हाल नजर आया इस दौरान पार्टी के प्रमुख महासचिव का माथा ठनक गया | इसके बाद कोढ़ में खाज सपा के महानगर जिला संगठन में 22 नवंबर को नेता जी के जन्मदिन पर हो गई पूरे प्रदेश के साथ आगरा के जिला महानगर संगठन के अध्यक्षों को सपा सुप्रीमो व प्रदेश अध्यक्ष ने कड़े निर्देश दिए थे कि दोनों ही संगठन के पदाधिकारी एक साथ मिल संयुक्त रूप से नेता जी का जन्मदिन मनाए | इसके बावजूद महानगर जिला अध्यक्ष ने अलग-अलग कार्यक्रम कर पार्टी नेतृत्व के निर्देशों को हवा में उड़ा दिया | इसके बाद तो उसी समय दोनों ही अध्यक्षों के साथ उनकी पूरी कमेटी को भंग करने का प्रोफेसर साहब ने मन बना लिया लखनऊ पहुंच प्रोफेशन साहब ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी अखिलेश यादव को दी अखिलेश यादव उस समय मध्य प्रदेश चुनाव में प्रचार के लिए निकले हुए थे अखिलेश यादव से हरी झंडी पाते हुए आगरा की महानगर व जिला कमेटी को भंग करने का फैसला हो चुका था इसकी जानकारी जैसे ही लखनऊ से छनकर आगरा पहुंची तो सपाइयों में हड़कंप मच गया | 

सपाइयों ने लखनऊ में अपने सूत्रों के फोन घनघनाने शुरू कर दिये और वहां से जवाब मिलने लगा कि आपको भी इसकी जानकारी हो गई है | इस दौरान अधिक फोन आने के चलते लखनऊ पार्टी कार्यालय मैं बैठे प्रमुख पदाधिकारियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए इसके बाद तो दोनों अध्यक्षों के साथ पूरी कमेटी के पदाधिकारियों की सांसे अटकने लगी फिलहाल लखनऊ से दोनों अध्यक्षों के लिए जैसा वह कह रहे हैं कि उनके पास किसी भी प्रकार का लखनऊ पार्टी कार्यालय से कार्यकारिणी के भंग होने का कोई फैक्स नहीं आया है तो उसका एक बड़ा कारण सपा कार्यालय में लगी हुई फैक्स मशीन पिछले कई महीनों से खराब है भी हो सकती है तो वहीं कई बार ऐसा भी हुआ है लखनऊ पार्टी कार्यालय पदाधिकारी को हटाने की सूचना की जगह मीडिया के माध्यम से भी उन्हें हटाने की सूचनाएं देता रहा है बहरहाल अभी दोनों ही कमेटी के पदाधिकारी ना नूकर कर रहे हैं और एक दूसरे की कमेटी भंग होने के साथ अध्यक्ष के भी हटने की बात कह रहे हैं तो वहीं तमाम सपाई खासकर वह लोग जो दोनों ही अध्यक्षों के विरोधी गुटों के हैं बल्कि उन्हें तमाम प्रयासों के बावजूद भी संगठन में जिम्मेदारी नहीं मिली महानगर जिले की कमेटी भंग होने को लेकर चटकारे लगा कर चर्चा कर रहे हैं साथ ही सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर रहे हैं और अपने अपने चहेतो को अध्यक्ष बनाने में भी लग गए हैं।

साभार : वरिष्ठ पत्रकार विकास यादव की फेसबुक वाल से