चाणक्य नाटक नहीं मेरे जीवन का मिशन : मनोज जोशी
अभिनेता मनोज जोशी |
मनोज जोशी ने बिग पेजेस से खास मुलाक़ात मे कहा कि राजनीति हो या अन्य कार्य, व्यक्ति यदि सुनीति पर अड़ा रहे तो उसे सफलता जरूर मिलती है। यह नाटक देश-विदेश में 27 सालों से करते आ रहे हैं, जिसकी संख्या 925 हो चुकी है। आगरा में यह 926 वां शो है। इसके माध्यम से पूरे देश में चाणक्य नीति का संदेश दे रहे हैं। इसका पहला शो गुजराती में सन् 1996 में किया था और उसके बाद से अब तक मैं इसे अनेक भाषाओ मे करता आ रहा हु और ये नाटक उनके मित्र मिहिर भूता ने लिखा है।
टीवी फिर बन रहा दर्शको तक पहुँचने मे बड़ा माध्यम
दूरदर्शन या अनेक टीवी चेनल्स आज लोगो के घर मे अपनी जगह बना रहे है और आज 600-700 टीवी चेनल्स है जिन पर दर्शक आसानी से चाणक्य जैसे अभिनय को देख पाते है और ये एक प्रभावशाली माध्यम भी है और अभी तो ये अधिक विस्तारित होगा |
रंगमंच है मेरी मां समान
अभिनेता मनोज जोशी ने कहा कि रंगमंच मेरी मां है, उसे में कभी नहीं छोड़ सकता। मैं कभी अभिनय के साथ अन्याय नहीं करता, बल्कि उसके रंग में रंग जाता हूं। यही वजह है कि चाणक्य जैसा गंभीर व्यक्ति का भी किरदार निभाता हूं और फिल्मों में कॉमेडियन का भी। वैसे भी कोई रोल ऐसा नहीं जो किया न हो। अधिकांश फिल्म स्टारों के साथ कार्य कर चुके हैं। बताया कि बचपन से ही थियेटर कर रहे हैं। स्कूलों में अभिनय करने का शौक रहा और साथ ही चित्रकारी का भी शौक रहा और उस पर बहुत काम भी किया|
वोट बैंक की वजह से जातिवाद बढ़ रहा
कलाकार ने बताया कि चाणक्य नीति में वर्ण भेद है जिसे कर्मानुसार व्यवस्था के रूप में दिया गया है। जातिवाद को बढ़ावा वोट बैंक की राजनीति से मिला है।