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भारत में 15-20 फीसदी युवतियां पीसीओएस से पीड़ित

विटामिन डी की कमी और बजलती जीवन शैली व खान-पान है कारण
माहवारी में अनियमितता, दाढ़ी मूछ का निकलना और बढ़ सकता है मोटापा

आगरा : भारत में लगभग 15-20 फीसदी युवतियां पीसीओएस (पोलीसिस्टिक ओवेरीयन सिन्ट्रोम) से पीड़ित हैं। यदि समस्या पर शुरुआती दौर में ध्यान दें तो इससे नपुंसकता और गर्भपात होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अचम्भे की बात यह है कि इसमें सिर्फ दो प्रतिशत मामले ही जेनेटिक होते हैं। यानि 98 फीसदी मामलों के लिए बदलता खान-पान और जैवन शैली जिम्मेदार है।
        कलाकृति में आयोजति की जा रही आईकोग ( 59th ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ आब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजी) में पूना से आई डॉ. रितु संतवानी ने बताया कि अक्सर 14-20 वर्ष की युवतियां अपनी मम्मियों के साथ माहवारी की अनियमितता, चेहरे पर अधिक बाल, दाढ़ी-मूछ निकलने जैसी समस्या लेकर आती हैं। असल में यह लक्षण हार्मोनल डिसबेलेन्स यानि पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिन्ट्रोम के होते हैं। ऐसे मामलों में युवतियों का वजन भी बढ़ जाता है। इसकी मुख्य वजह विटमिन डी की कमी, तनावपूर्ण जीवन शैली और फायवर रहित फास्ट फूड है। अक्सर मामलों में लोग इस समस्या को जेनेटिक समझ बैठते हैं। लेकिन पीसीओएस के मामले सिर्फ दो फीसदी ही वंशानुगत होते हैं। वाकी कारण बदलती जीवन शैली है। इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए दवाओं के साथ यह भी जरूरी है कि युवतियां अपनी लाइफ स्टाइल में परिवर्तन लाएं। यदि पीसीओएस के साथ थायरॉयड की भी समस्या हो तो आवाज में भारीपन भी आ सकता है।

  क्या करें....

  1. हर रोज कम से कम 40 मिनट व्यायाम करें।
  2. खाने में आलू, मैदा शक्कर और चावल का प्रयोग कम करें।
  3. तनाव को दूर रखें और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।
  4. विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत सूर्य है इसलिए बेहतर होगा यदि सुबह 20 मिनट का व्यायम सूर्य की रोशनी में किया जाए।