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खो न देना वर्जीनिटी, क्या दी यांगस्टर्स को डाक्टर्स ने सलाह पढे

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आगरा : आजकल बदलते परिवेश के साथ-साथ इंसानी सोच में भी काफी बदलाव आया है। इस बदलाव के बीच कहीं न कहीं हमारी संस्कृति-संस्कार पीछे छूट गये हैं। पिछले कुछ सालों से भारत में शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने का प्रचलन बढ़ा है। युवक और युवतियों दोनों में इसका प्रचलन तेजी से बढ़ा है। लेकिन वर्जीनिटी को लेकर डर भी वैसे ही हावी हुआ है। ऐसी युवतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है जो शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाना गुनाह नहीं मानतीं हैं। फिर भी इन युवतियों में अपनी वर्जीनिटी खोने को लेकर डर हावी होता है। शादी के बाद शारीरिक संबंध बनाने का भेद खुलने के डर से भारत में 30 फीसदी युवतियां वर्जिनिटी (कौमार्य) वापस पाने के लिए सर्जरी का सहारा ले रही हैं। इनमें सर्वाधिक कॉलेज जाने वाली छात्राएं और कामकाजी युवतियां हैं। जिनकी उम्र 20 से 26 साल होती है।

    यह जानकारी आगरा में चल रहे 59वें ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी (आईकोग-2016) में शिरकत करने आये नामचीन डॉक्टरों ने दी। आईकोग-2016 के चौथे दिन युवती में कौमार्य को वापस पाने के लिए सर्जरी के बढ़ते प्रचलन पर चर्चा हुई। जिसमें पुणे से आई वर्जिनिटी सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर ऋतु संतवानी ने इसका खुलासा किया। 


क्या कहते है डाक्टर्स

       डॉक्टर ऋतु संतवानी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में वर्जीनिटी पाने के लिए सर्जरी कराने वाली युवतियों में 65 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। पहले यह चलन मेट्रो सिटीज की महिलाओं तक सीमित था। अब तो आगरा समेत अन्य महानगरों की युवतियां भी यह सर्जरी कराने आ रही हैं। इनमें 90 फीसदी हाई सोसायटी की अथवा कामकाजी होती हैं। ऐसे ‘मरीजों’ की पहचान गुप्त रखी जाती है। हम तक ज्यादा युवतियां इंटरनेट के जरिये पहुंचती है। वर्जीनिटी सर्जरी में 30-35 मिनट लगते हैं। इसमें रि-कंस्ट्रक्शन के जरिए युवतियों को कौमार्यावस्था जैसी स्थिति प्रदान की जाती है। दो-तीन घंटे बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, इस सर्जरी के जरिए साइकिलिंग, खेलकूद, दुर्घटना आदि के चलते भी क्षतिग्रस्त झिल्ली को पुन: प्राकृतिक रूप दिया जा सकता है।