कराची : तालिबान आतंकवादियों ने पाकिस्तान के बेहतरीन कव्वालों में शुमार अमजद साबरी की आज यहां गोली मारकर हत्या कर दी। रूह को छू देने वाली सूफी गायिकी के लिए उन्हें जाना जाता था। 45 साल के गायक और उनके एक सहयोगी कराची के भीड़भाड़ वाले लियाकतबाद 10 इलाके में कार से सफर कर रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलायीं जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। सिंध प्रांत के पुलिस प्रमुख अल्लाह दीनो ख्वाजा ने बताया, ‘‘मोटरसाइकिल से आए दो हमलावरों ने उनकी कार को घेर लिया और गाड़ी चला रहे अमजद साबरी को निशाना बनाया।’’ दोनों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया जहां साबरी ने दम तोड़ दिया। उनके सहयोगी की भी मौत हो गयी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘साबरी के सीने और सिर में गोली लगी, उन्हें तत्काल अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पूर्वनियोजित हमले में उनके सहयोगी की भी मौत हो गयी।’’ तालिबान से टूट कर अलग हुए हकीमुल्ला महसूद गुट ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। संगठन के प्रवक्ता कारी सैफुल्ला महसूद ने कहा कि उसने साबरी की हत्या इसलिए की क्यांेकि वह ‘‘ईश निंदक’’ था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 2014 में ईश निंदा के एक मामले में दो निजी चैनलों को एक नोटिस जारी किया था जिन्होंने सुबह के एक कार्यक्रम में एक कव्वाली चलाई थी। कार्यक्रम में एक नकली शादी को धार्मिक हस्तियों संबंधी एक कव्वाली के साथ मिलाकर दिखाकर गया था। इस कव्वाली को साबरी ने गाया था।
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