जनसभाओं और रैलियों में सपा के मतभेदों पर खुलकर बोलने वाली मायावती ने बसपा के वरिष्ठ नेताओं से कहा कि वे मतदाताओं को इस अंतर्कलह के बारे में बतायें और कहें कि यह राज्य के विकास के लिहाज से अच्छा नहीं है। बैठक में शामिल बसपा के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर मायावती के हवाले से बताया, ‘‘यदि सत्ताधारी दल अपने घर को ही ठीक नहीं रख सकता, तो वह राज्य के कल्याण के लिए क्या कर पाएगा।’’ मायावती मुसलमान मतदाताओं को भी आगाह करती आयी हैं कि वे सपा को वोट देकर अपना वोट बर्बाद ना करें क्योंकि मुसलमान वोटों में विभाजन से अंतत: भाजपा को मदद मिलेगी।
भाजपा को सपा की ‘दोस्त’ पार्टी बताते हुए मायावती ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपा ने लोकसभा के चुनावी वायदे पूरे नहीं किये। उनसे ध्यान बंटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी तैयारी के नोटबंदी लागू कर दी। अब वह नाटकबाजी कर रहे हैं और चुनावों पर प्रतिकूल असर ना पड़ने पाये, इस दृष्टि से बयान जारी कर रहे हैं। राज्य की कुल आबादी का लगभग 20 फीसदी मुसलमान हैं। ऐसे में मायावती ने टिकट बंटवारे में मुसलमानों को 403 विधानसभा सीटों में से 97 सीटें दी हैं।
बसपा की सौ उम्मीदवारों की पहली सूची में 36 मुसलमान प्रत्याशी थे। दूसरी सूची में 22 और तीसरी सूची में 24 मुस्लिम प्रत्याशी थे। बसपा सुप्रीमो ने 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए अब तक 300 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है और उन्होंने कहा कि वह महत्वपूर्ण मुददों पर पार्टी नेताओं को जानकारी देंगी और उन्हें निर्देश भी देंगी ताकि पार्टी बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ सके।