विमल कुमार, बिग पेजेस, आगरा
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इलाज के बाद मौजूद टीम के सदस्य |
आगरा : वैसे तो आगरा में संस्थाएं बहुत हैं मगर भारतीय जन सुरक्षा सेवा समिति ने आगरा शहर में अपनी एक अलग ही छाप बनाई हुई है। अध्यक्ष फ़ातिमा खान के नेतृव भारतीय जन सुरक्षा सेवा समिति की एक उपशाखा है जिसका नाम है युवा क्रांति। टीम युवा क्रांति में अधिकतर युवा लोगो का भूमिका है। गरीबों की सेवा, गरीबों की झुग्गी-झोपड़ियो में जाकर जागरूकता प्रोग्राम ही नहीं अपितु रोज़गार के अवसर प्रदान करने हेतु योजनाओ पर काम कर रही यह संस्था सरकार की बिना आर्थिक सहायता के ही दानवीरों को जोड़कर उनसे साथ में चलकर योगदान देने का आग्रह करती है।
अमीना ताई से जुड़ी है कहानी
आगरा के शिव नगर खेरिया मोड़ निवासी अमीना ताई एक 70 वर्षीय महिला है जिनका परिवार गरीबी से हताहत है। अमीना ताई बुढ़ापे में भी लोगो के घरों में काम करने के लिए मजबूर है। दो वक़्त की रोटी के लिए संघर्ष करने के लिए ये मजबूर इस परिवार की बेटी रुखसाना जो की अपने दोनों पैर पहले ही खो चुकी है वे पिछले 6 महीनो से गॉल ब्लैडर में पथरी से पीड़ित है। दर्द से कराहती रुखसाना के पति भी अपने दोनों पैर खो चुके है। सड़क किनारे गुब्बारे बेचकर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण फांकों में बिताने पर मजबूर हैं। इनकी दो बेटिया भी है ।
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संस्था के सदस्य प्रशांत को आप बीती बताती हुई अमीना ताई व उनकी बेटी |
फातिमा खान के नेत्रत्व मे कराया ऑपरेशन
बड़ी बेटी रुखसाना जिनका ऑपरेशन होना था तो इसका बीड़ा उठाया युवा क्रांति टीम ने और जुट गयी उनके इलाज मे और सभी चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद उनका ऑपरेशन करना जो सफल भी रहा और एक गरीब महिला रुखसाना की युवा टीम ने अपनी पॉकेट मनी जमा कर इलाज कराया| कहते है अगर किसी के अंदर सेवा भाव है तो कुछ भी मुमकिन है और यही साबित किया फातिमा खान ने अपनी टीम के साथ जो आज लोगो के लिए एक मिशाल बन गयी| रुखसाना की तरह उसका पति भी दिव्यांग हैं और यह दोनों भी अमीना ताई के साथ रहकर गुजर बसर कर रहे है।
साथ ही साथ एक कोने में अमीना ताई की छोटी बेटी फ़रीदा भी थी जब फातिमा खान ने उनके परिवार के बारे में जानकारी ली तो फ़रीदा ने रुंधे से शब्दो मे अपनी आप बीती भी सुनाई, उनके चार बच्चे है। उनके पति भी किसी हादसे में दुनिया छोड़ चुके है और अपने पीछे 4 बच्चे भी, ससुराल से जितना संभव होता है मिल जाता है पर उनकी भी स्थिति बहुत ही खराब है| आर्थिक व शारीरिक रूप से मैक मीर, अमित लवानिया, शिवम राजपूत, विभोर सक्सेना, लिपि घोष, अशोक वर्मा, नरेंद्र वरुण, दानिश आदि का विशेष सहयोग रहा।