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ताजनगरी मे राष्ट्रपति को खून से लिख रहा ये युवक पत्र... जाने क्यो

खबर : पुष्पेंद्र गौस्वामी, आगरा 
खून से लिखा हुआ पत्र 
आगरा : दोस्तो, शिक्षा पाना कौन नहीं चाहता है और शिक्षा ग्रहण करना हमारा हक़ भी है इसीलिए सरकार द्वारा तमाम योजनाओ के तहत करोड़ो रुपये खर्च किए जाते है| इसी क्रम मे शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत 25% दलित व गरीब बच्चो को कान्वेंट स्कूलो मे दाखिला देने की प्रक्रिया हर वर्ष सरकार द्वारा की जाती है जिसमे लौटरी सिस्टम के तहत बच्चो को प्रवेश दिया जाता है| आपको बता दे, कहानी यहाँ समाप्त नहीं होती है स्कूल एलोट होने के बाद कान्वेंट स्कूल के महीनो चक्कर लगा-लगा कर गरीब व दलित बच्चे थक जाते है परंतु स्कूल संचालक किसी न किसी बात का बहाना दे कर उन्हे टलता रहता है और कुछ समय बाद परेशान अभिवावक अपने बच्चे को कान्वेंट स्कूल मे पढ़ाने के सपने को भूल कर जाना बंद कर देता है| ऐसे मे अभिवावकों को हौसला देते है आगरा मे आर०टी०ई० एक्टिविस्ट धनवान गुप्ता | धनवान गुप्ता लम्बे समय से गरीब व दलित बच्चो के लिए शिक्षा की लड़ाई लड़ रहे है| 

बच्चो को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र 
गरीब व दलित बच्चो को उनका हक़ दिलाने के लिए धनवान गुप्ता आगरा के वर्तमान जिलाधिकारी गौरव दयाल से भी बच्चो के अभिवावकों के साथ मदद की गुहार लगा चुके है 12 जुलाई को डीएम ने बीएसए अर्चना गुप्ता को लिखित आदेश भी दिया था कि जो कान्वेंट स्कूल बिना किसी उचित कारण के गरीब बच्चो को प्रवेश नहीं दे रहे है उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाए परंतु अब तक किसी भी स्कूल पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी| जिसके चलते कान्वेंट स्कूलो के हौसले बुलंद है और बच्चो के भविष्य से लगातार खिलवाड़ हो रहा है| 

आज शहीद स्मारक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को दलितो व गरीबो को उनके हक़ दिलाने के लिए धनवान गुप्ता ने अपने खून से पत्र लिख कर बच्चो व उनके माता-पिता की उपस्थिती मे शिक्षा विभाग की निजी स्कूलो से मिलीभगत का आरोप लगा कर शिकायत भी की साथ ही पत्र मे बच्चो के भविष्य पर चिंता भी जाहिर कर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की|