Display bannar

सुर्खियां

बेसिक शिक्षा विभाग दोषियो पर कर रहा है मेहरबानी... जाने क्यो


आगरा : ताजनगरी आगरा मे बेसिक शिक्षा विभाग के लापरवाही के मामले तो आए दिन सामने आते ही रहते है इसी क्रम को न तोड़ते हुए रोजाना नए-नए मामले आते ही रहते है| आज हम आपको लापरवाही की आड़ मे बच्चो के भविष्य पर आए हुए संकट के बारे मे बताएँगे और बच्चो के भविष्य को बर्बाद करने पर तूले हुए भ्रष्ट बेसिक शिक्षा विभाग व उनकी मेहरबानी से दोषियो पर कार्यवाही न करके उनको पूर्ण रूप से बचाने का प्रयास किया जा रहा है| 

मामला लोहामण्डी के होली पब्लिक किड्स स्कूल का है यहाँ एक ओर तो यहाँ की प्रिंसिपल नम्रता अग्रवाल लिखित रूप से खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर जानकारी देती है कि उनके स्कूल मे नि:शुल्क एंव अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 25% बच्चो को दाखिला दे कर नियम का पालन किया जा रहा है और इसके लिए पिछले वर्ष स्कूल प्रबन्धक को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है दूसरी ओर हकीकत बिलकुल ही अलग है| आइये आपको रूबरू कराते है जमीनी हकीकत से जो आपकी आंखो से झूठ का पर्दा उठा देगी| 

पिछले सत्र 2016-17 मे 12 अप्रैल 2016 को खंड शिक्षा अधिकारी लोहा मंडी के पत्र मे सूची क्रमांक संख्या 2 गुंजन पुत्री रामबाबू, क्रमांक संख्या 8 हर्शिका पुत्री नरेश एंव 29 अप्रैल 2016 को जारी सूची के क्रमांक संख्या 3 अभिमन्यू पुत्र विकास का एडमिशन(प्रवेश) नहीं लिया| वही, आरव पुत्र संजीब को नियम विरुद्ध नर्सरी मे फ़ेल बता कर बिना रिपोर्ट कार्ड दिये पुनः नर्सरी मे पढ़ाया जा रहा है| एक दिलचस्प बात ये भी है कि खंड शिक्षा अधिकारी को स्कूल की प्रिंसिपल पत्र मे मुख्यमंत्री से सम्मानित होने की बात लिख रही है जबकि पिछले वर्ष कन्नोज की सांसद डिम्पल यादव द्वारा होली पब्लिक के प्रबन्धक संजय तोमर सम्मानित किया था|  

क्या है शिक्षा विभाग की मेहरबानी 
लगातार खंड शिक्षा अधिकारी के पत्र को वरीयता प्रदान न करते हुए स्कूल की प्रिन्सिपल तानाशाही रवैया अपनाते हुए बच्चो का दाखिला नहीं ले रही है जो कि शासनादेश का खुला उल्लंघन है व आदेशो की आवेलना की श्रेणी मे भी आता है इस पर बेसिक शिक्षा विभाग अपनी मेहरवानी स्कूल पर बनाए हुए है जबकि जिला अधिकारी गौरव दयाल ने भी बच्चो को स्कूल मे प्रवेश देने मे आनाकानी करने पर एफ०आई०आर० के आदेश किए थे| दिलीप माहौर के मामले मे तो तहसील दिवस पर उसकी माँ रेखा माहौर चक्कर लगा-लगा कर थक चुकी है पर अब तक सिर्फ जांच का हवाला देते हुए कोई अग्रिम कार्यवाही नहीं की गयी है| 

क्या कहती है बेसिक शिक्षा अधिकारी 
बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता कहती है कि सभी स्कूलो से शिक्षा का अधिकार अधिनियम मे हुए 25% बच्चो के प्रवेश की सूची मांगी गयी है जिसका उचित स्पस्टिकरण न होने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी| 

इस पर आर०टी०ई० एक्टिविस्ट धनवान गुप्ता क्या कहते है  
कान्वेंट स्कूल व शिक्षा विभाग की मिलीभगत से दलित व दुर्बल वर्ग के बच्चो के हक़ पर डाका डाल कर शिक्षा के अधिकार का हनन कर रहे है| जो बेहद निंदनीय है|