राधा नाम के बिना पूरी नहीं होती कृष्ण कथा....जाने क्यो
राधा के प्रिय नीले और कृष्ण के प्रिय पीले रंग की वृंदावन से आयी पोशाक में सजे श्री राधा और कृष्ण
आगरा : राधा नाम के बीना श्री कृष्ण की कथा पूरी नहीं होती। राधा जी की शोभा श्री कृष्ण के बढ़कर है। क्योंकि श्रीकृष्ण ने तो सिर्फ कामदेव को मोहित किया था लेकिन राधा रानी ने जगत के पालकर्ता श्रीकृष्ण को ही मोहित कर लिया। कमला नगर स्थित श्री जगननाथ मंदिर में राधा अष्टमी महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्री राधा जन्मलीला कथा में यह वचन कता वाचक अरविन्ग स्वरूप प्रभु ने कहे। इस अवसर पर राधा जी का अभिषेक व महाआरती का भी आयोजन किया गया।
चार दिवसीय कता में तीसरे दिन राधा के जी गुणों की व्याख्या की गई। कथा वाचक अरविन्द स्वरूप व हरि विजय दास ने सम्मलित रूप से कथा का वाचन किया। कथा के उपरान्त सत्संग और फिर राधा जी का पंचामृत आदि से अभिषेक। इसके उपरान्त राधा और कृष्ण का विशेष श्रंगार किया गया। अंत में हुई महाआरती। जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर हरि विजय दास, राहुल बंसल, गौरव बंसल, केशव अग्रवाल, अमित बंसल, अशोक गोयल, लड्डू भाई, अखिल बंसल, डॉ. मयंक मित्तल, मुकेश तिवारी, ओमप्रकाश अग्रवाल, गोपाल नारायण, जिप्पी गोयल, भरत शर्मा, कपिल अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
भंडारे के लिए राधा की पसंदीदा अरबी के बने व्यंजन
आगरा। मान्यता है कि राधा जी को अरबी बुत पसंद थी। इसलिए राधा अष्टमी महोत्सव में भंडारे के लिए अरबी के विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए गए। जैसे अरबी की मिठाई, मठरी, सब्जी, अरबी का भात आदि। इसी प्रकार वृंदावन से विशेष रूप से राधा के जी प्रिय रंग नीले और श्रीकृष्ण के प्रिय रंग पीले से मिश्रत पोशाक से राधा और कृष्ण को श्रंगारित किया गया।