आगरा : ताजनगरी की धरती से फिल्म पद्मावती का विरोध तेज हो गया है। पूर्व मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह ने फिल्म को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि फिल्म से क्षत्रिय समाज के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इसे सेंसर बोर्ड गंभीरता से ले और प्रदर्शन पर रोक लगाए। बता दें कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्री महेश शर्मा को इस बारे में पत्र भी लिख चुके हैं।
भदावर हाउस में पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री ने कहा कि निर्देशक संजय लीला भंसाली अपने फायदे के लिए इतिहास को तोड़ मरोड़ के पेश कर रहे हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली जौहर किसे कहते हैं, शायद यह नहीं जानते। फिल्म बनाना अच्छी बात है। उनके पिता भी एक निर्देशक थे, लेकिन अपने फायदे के लिए समाज को बदनाम करना गलत है। उन्होंने सेंसर बोर्ड के सदस्यों से मांग की है कि यदि फिल्म में महारानी पद्मावती के बारे में कुछ भी आपत्तिजनक है तो इसे हटाया जाए।
सोशल मीडिया पर अभियान
फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चल रहा है, जिसका नाम ‘मैं इस फिल्म का बहिष्कार करता हूं है। इस पर हजारों लोग अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। जानकारों का मानना है कि कभी-कभी दर्शकों को सिनेमाघरों तक ले जाने के लिए इस प्रकार के ह्यूमर सामने आते हैं। फिल्म से अच्छी आय प्राप्त करने के लिए कंट्रोवर्सी भी हिस्सा बनती जा रही है।
जयपुर से विवादों में रही फिल्म
जयपुर में शूटिंग के दौरान ही संजय लीला भंसाली के साथ अभद्रता हुई थी। तब से फिल्म विवादों में है। धीरे-धीरे यह विरोध बढ़ता ही जा रहा है। वहीं अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज ने सभी जनपदों से फिल्म के बहिष्कार की बात कही गई|