आगरा : पढ़ने-लिखने की उम्र मे युवक तेजी से अपराध की दुनिया की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह सामने आ रही है कि लड़कियों को इम्प्रेस करने के लिए उन्हें पैसों की जरूरत होती है। घर से इतने पैसे मिलते नहीं हैं। ऐसे में अपराध ही ऐसा शार्टकट नजर आता है, जिससे उन पर पैसे आ जाते हैं। पिछले दिनों में पकड़े गए कई युवा अपराधियों से यही खुलासा हुआ कि लड़कियों से दोस्ती कर उनको महंगे गफ्टि देने के लिए वे अपराध के रास्ते पर चले गए। अभी हाल मे पकड़े गए लुटेरे के अपराधी बनने के पीछे भी यही कहानी निकली है। मनोचिकत्सिकों का कहना है कि युवाओं की यह प्रवृत्ति समाज और हर परिजन के लिए यह चिंता का विषय है। इससे नौजवान अपना भवष्यि चौपट कर रहे हैं।
जयपुर हाऊस डकैती कांड के आरोपी हों या फिर हरीपर्वत पुलिस द्वारा पकडे़ गए लुटेरे। सभी के सभी नौजवान हैं। कई तो पहले भी जेल के सींखचों के पीछे जा चुके हैं तो कुछ ने पहली बार घटना को अंजाम दिया और पकड़े गए। दोनों मामलों में आरोपियों से पूछताछ मे सामने आया है कि वह अपराध खुद को अमीर दिखाने के लिए अपराध के रास्ते पर चले। वाहन चोरी हो लूट, पैसों के लिए वह कुछ भी करने को तत्पर रहते थे। कुछ युवकों ने बताया कि वह अपने हस्सिे की रकम को अय्याशी में उड़ा देते थे।
हरीपर्वत पुलिस द्वारा पकड़े गए लुटेरों ने बताया कि सभी की गर्लफ्रेंड हैं। वह उन्हें मंहगे गफ्टि देते थे। उनके साथ होटलों में जाते थे। महंगे मोबाइल भी उन्हें रखने होते थे, इसलिए उन्होंने पर्स और चेन स्नेचिंग शुरू कर दी थी। पहली बार लूट करते समय वह घबराए थे लेकिन बाद में तो बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देने लगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नए-नए अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को कुछ दक्कितें आती हैं। थोड़ी देर जरूर होती है लेकिन वह हाथ आ ही जाते हैं। चूंकि घटना के तुरंत बाद पुलिस यह देखती है कि कौन-कौन सा गैंग जेल से बाहर है। पुराने कितने अपराधी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। पुलिस उनसे पूछताछ करती है लेकिन घटनाओं को तो नए अपराधी कर रहे होते हैं। इन पर जब तक शिकंजा कस पाता है, ये बहुत सारी वारदातें कर चुके होते हैं।