आगरा : आगरा टीटीजेड श्रेणी में आने के बाद भी ताजमहल और आसपास के चार क्षेत्रो की हवा साँस लेने लायक नही बची है| केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड से सूचना के आधार पर मांगी गयी जानकारी में स्वय विभाग ने यह जानकारी दी है| आरटीआई मांगने वाले चिकित्सक डाक्टर शरद गुप्ता की माने तो प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण ही आज दमा और सांस के रोगियों में इजाफा हुआ है और इससे ताजनगरी के बाशिंदों की उम्र भी कम हो रही है|
ये है आंकड़े
आगरा के नामी चिकित्सक डाक्टर शरद गुप्ता द्वारा 2011 से 2017 में ताजमहल, एत्मौद्दुआ, रामबाग़ और नुनिहाई के आसपास cpcb की रिपोर्ट के मुताबिक़ spm 554umg तक pm10242, no2 35 और so2 अधिकतम 5 तक पहुँच गया है| इसका मतलब सीधा यह है की वातावरण में सल्फर, नाइत्रोज्न, समाग आदि बुरे स्तर पर हैं| spm अगर 400 के आस पास है तो बहुत बुरी स्थिति मानी जाती है और 401 से अधिक पर यह सेवेट (बचाव की स्थिति) में आ जाता है| अकेले ताजमहल पर दिसम्बर माह के आंकड़ो पर नजर डाले तो aqi वाल्यु ५६० तक गयी है और pm10 व् pm2.5 कई दिन बहुत बुरी और सेवेट स्थिति में आया है| नुनिहाई क्षेत्र की aqi वाल्यु तो 591 तक जा चुकी है| हालात यह है की खुद प्रदुषण नियन्त्रण बोर्ड का कहना है की ऐसे माहौल में ज्यादा देर रहने पर स्वाश सम्बन्धी परेशानिया हो सकती हैं|
क्या है मानक
बताते चले की यह हालात तब है जब 1992 के बाद से यहाँ सुप्रीम कोर्ट की मानिटरिंग है और ताजमहल के आसपास 50 किमी का दायरा टी टी जेड श्रेणी में आता है| यहाँ टीटीजेड होने के कारण कोई भी पाल्युष्ण वाली इंडस्ट्री नही लग सकती है| चिमनी जलाना तो दूर यहाँ कूडा और उपले जलाना भी अपराध की श्रेणी में आता है और जलाते पकडे जाने पर इस पर जुर्माना व् डेढ़ वर्ष तक की सजा का प्रावधान है| पूरी ताजनगरी में कोयला बेचने पर बैन है और धुआंवाले जेनेरेटर तक यहा चलाए नही जा सकते| ताजमहल के आसपास बैरियर से डीजल और पेट्रोल से चलने वाले कोई भी वाहन नही गुजर सकते हैं|