आगरा : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने केन्द्रीय हिन्दी संस्थान एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के अटल बिहारी वाजपेयी अंतर्राष्ट्रीय सभागार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी का माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।
क्या बोले राज्यपाल
इस अवसर पर राज्यपाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रथम बार किसी साहित्य सम्मेलन में प्रतिभाग कर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने साहित्य सृजन से राष्ट्र अर्चन विषयक संगोष्ठी में विचार-विमर्श किए जाने हेतु उपस्थित साहित्यकारों का स्वागत व अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय संगोष्ठी में आप द्वारा जिन विषयो पर चर्चा होगी, उससे समाज को किस दिशा में जाना है, इसका मार्गदर्शन आपकी चर्चा से होगा और यही इस समागम की विशेषता रहेगी। उन्होने सभागार का नाम पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने पर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व तथा सांगठनिक क्षमता का उल्लेख करते हुए नामकरण को शुभकारी बताया।
पुस्तक का लोकार्पण
केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक का राज्यपाल द्वारा लोकार्पण किया गया। राज्यपाल की लिखित पुस्तक ’’चरैवेति-चरैवेति’’ की संस्कृत संस्करण की प्रति अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नई दिल्ली बल्देव ने उन्हें भेंट की। संगोष्ठी को संरक्षक संस्कार भारती, ब्रज प्रान्त राम अवतार शर्मा, प्रशिक्षण मण्डल के उपाध्यक्ष कमल किशोर गोयनका, संस्कार भारती के महामन्त्री रवीन्द्र भारती, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रो0 नन्द किशोर पाण्डेय ने भी सम्बोधित किया।
कला दर्शन ने किया मंत्रमुग्ध
आगरा। संगोष्ठी के पहले दिन शाम को संस्कार भारती की ओर से संगीतज्ञ गजेंद्र चौहान व प्रो. नीलू शर्मा तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से मीता गांगुली और दीपक प्रभाकर के निर्देशन में तथा कुलसचिव प्रो. बीना शर्मा के संयोजन एवं प्रीति गुप्ता और सपना गुप्ता के सहोयग से कला दर्शन कार्यक्रम किया गया। संस्कार भारती के कलाकारों व केंद्रीय हिंदी संस्थान के हिंदीतर भाषी व विदेशी छात्र-छात्राओं ने ताल-वाद्य- संगम व भाव नृत्य की अनूठी प्रस्तुतियों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
ये रहे मौजूद
विधायक जगन प्रसाद गर्ग, कुलपति, डा0 भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय डा0 अरविन्द कुमार दीक्षित, पूर्व कुलपति डा0 गिरीश सक्सेना, पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया सहित देश के कोने-कोने से आये हुए साहित्यकार व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
आज सुबह से चलेंगे सत्र
केंद्रीय हिंदी संमस्थान की ओर से संगोष्ठी के मीडिया समन्वयक डॉ. जोगेंद्र सिंह मीणा एवं संस्कार भारतीय की ओर से संगोष्ठी के मीडिया समन्वयक कुमार ललित के अनुसार 05 फरवरी (सोमवार) को दूसरे दिन सुबह 08.30 बजे से ‘भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय भाव’ पूर्वाह्न 10.30 बजे से ‘साहित्य सृजन से राष्ट्र अर्चन’ 11.45 बजे से ‘कलाओं के संवर्धन में साहित्य की भूमिका’ पर विद्वान लोग विचार व्यक्त करेंगे।