आगरा: दसवीं पास बिना पंजीकरण के दो साल से हॉस्पिटल चला रहा था। सोमवार दोपहर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापे के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया। टीम को हॉस्पिटल में ऑपरेशन और गर्भपात कराए जाने की आशंका है। हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। टीम ने शहीद नगर, भगत सिंह चौराहा स्थित गीतांजलि मेमोरियल हॉस्पिटल में छापा मारा। हॉस्पिटल एक मकान में चल रहा था। भूतल पर मरीज भर्ती थे और पहली मंजिल पर हॉस्पिटल संचालक दयाशंकर शौकिया परिवार के साथ रह रहा था।
एसीएमओ डॉ. अजय कपूर ने बताया कि तीन कमरों में मरीजों के लिए फोल्डिंग पलंग थे। यहां पेट के दर्द की शिकायत पर गर्भवती पिंकी पत्नी रंजीत निवासी शहीद नगर भर्ती थी। एक ऑपरेशन थिएटर भी था, हॉस्पिटल करीब दो साल से चल रहा था। हॉस्पिटल में ऑपरेशन के साथ गर्भपात कराए जाने की आशंका है, इसे सील कर दिया है। महिला मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करा दिया है। हॉस्पिटल संचालक खुद को हाईस्कूल पास बता रहा है, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
हॉस्पिटल के पर्चे पर जिन डॉक्टरों के नाम दर्ज हैं, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। दयाशंकर ने बताया कि इलाज करते करते जिंदगी बीत गई। हॉस्पिटल चलाते हुए भी काफी समय हो चुका है। हॉस्पिटल में कोई स्टाफ भी नहीं था, सभी काम वह खुद करता है। दयाशंकर की रोहता में गीतांजलि ट्रॉमा सेंटर में साझेदारी थी। 2015 में वह अलग हो गया और शहीद नगर में गीतांजलि मेमोरियल हॉस्पिटल खोल लिया। उसने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर आरोप लगाए हैं कि पंजीकरण के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे गए थे, इतने रुपये न होने पर पंजीकरण नहीं किया।
हॉस्पिटल के पर्चे पर दर्ज डॉक्टरों के नाम: डॉ. मनीष गोयल, डॉ. एमएस पचौरी, डॉ. वीएन गुप्ता, डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. एमएस तोमर