आगरा : आगरा के सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने सोशल मीडिया की मदद से खोज निकाला और उसके परिजनों को ले जाकर महिला को सुरक्षित उसके घर पहंुचा दिया। जहां जाकर सबसे पहले उसने नमाज अदा की। महिला दिवस की पूर्व संध्याा पर एक गुमनाम मुस्लिम महिला को घर पहुंचाकर नरेश पारस ने एक मिसाल पेश की।
बलदेव गांव में पिछले दो सालों से फरजाना नामक एक महिला गुमनामी का जीवन जी रही थी। दिनभर इधर उधर की ठोकरें खाती रहती थी। कोई खाना दे दे तो खा लेती है नहीं तो भूखी सो जाती। इसका कोई स्थाई ठिकाना भी नहीं था, जहां रात हो जाती वही सो जाती थी। इसका शोषण होने की भी संभावना थी। यह अपना पता आगरा बताती थी। फेसबुक पर इसकी व्यथा डाली और परिवार को तलाशने में मदद मांगी थी।
इसमें फेसबुक मित्र संजय कत्याल जी की मदद से इसके परिवार को खोज लिया। महिला की बेटी और बहन को मथुरा ले जाकर उनके सुपुर्द करा दिया। एकबार फिर धर्म और मजहब को दरकिनार कर मुस्लिम महिला की मदद कर उसको परिवार दिलाया।