नई दिल्ली: देश के कई सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मैनेजमेंट को दो दिन की हड़ताल की चेतावनी दी है. बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने पहले ही नोटिस देकर अपनी मांग को बढ़ाया है. बैंक यूनियन नेता अशोक गुप्ता ने बताया कि सोमवार को भी बैंक यूनियनों के संगठन ने बैंक संघ से बात की थी. बातचीत पूरी तरह से फेल हो गई. कारण साफ था कि वे कर्मचारियों की मांग पर विचार को करने को तैयार नहीं हैं. मैनेजमेंट की ओर से केवल 2 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव फिर दोहराया गया जिसे यूनियन ने पहले भी खारिज किया था और एक बार फिर खारिज कर दिया.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि 14-15 प्रतिशत वेतन वृद्धि से नीचे कर्मचारी तैयार नहीं है. दो प्रतिशत की वृद्धि की बात कर्मचारियों के साथ मजाक है. गुप्ता ने बताया कि बुधवार को हड़ताल में शामिल बैंक कर्मी 10 बजे पार्लियामेंट स्ट्रीट पर एकत्र होकर प्रदर्शन करेंगे. गुप्ता ने यह भी बताया कि मैनेजमेंट ने साफ कर दिया है कि वह ज्यादा वेतन देने या बढ़ाने की स्थिति में नहीं है.
बैंक कर्मचारी संगठनों ने साफ कर दिया है कि वह 30-31 मई को हड़ताल पर रहेंगे यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार नहीं किया गया. बता दें कि बैंक कर्मचारियों के संगठन ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश को खारिज कर दिया. संगठन ने अपनी मांग पूरी कराने के लिए हड़ताल की भी चेतावनी दी. बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि एक नवंबर 2017 से लंबित है.
कर्मचारियों के संगठन एआईबीओसी के महासचिव डी.टी. फ्रैंको ने एक बयान में कहा था कि आईबीए ने महज दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की शुरुआती पेशकश की जिसे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीओ) ने खारिज कर दिया. यूएफबीओ नौ कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समूह है.
नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि यूएफबीओ की शनिवार की बैठक में आईबीए के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. पिछली वेतन वृद्धि में आईबीए ने 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी.