लहरा लो आज तिरंगा
पावन दिन ये आए
पंद्रह अगस्त कहलाए
इसी दिवस आजादी भारत पाए
आज याद बहुत वो आए
जो लौट कर घर को ना आए
अंग्रेजो के छक्के खूब छुड़ाए
मर्दानी बनकर लड़ी झांसी की रानी कहलाए
रक्त का तिलक लगाए
आजाद,भगत,हामिद कहलाए
देश के खातिर दुनिया से टकराए
दुश्मनों को मार गिराए
कारगिल पर झंडा ऊंचा फैहराए
भारत का मान बढ़ाए
-- रचना सिंह 'रश्मि'
कवियित्री, साहित्यकार
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