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सैफई मिनी पीजीआई में रैगिंग मामले में हुआ कारण बताओ नोटिस जारी

दीक्षा चौबे, वाराणसी


इटावा : सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय (मिनी पीजीआई) प्रशासन ने रैगिंग के दोषी सात छात्रों को तीन महीने के लिए छात्रावास और कक्षाओं से निलंबित कर दिया है। उन पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है। एमबीबीएस 2018 के सभी छात्र-छात्राओं को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना किया गया है। विवि प्रशासन ने छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष को भी पद से हटा दिया है। विवि प्रशासन दोषी छात्रों पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है। विश्वविद्यालय में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 150 से अधिक छात्र छात्राओं के सिर मुंडवाकर रैगिंग का मामला मंगलवार को सामने आया था। शासन से जवाब तलब होने पर बुधवार को डीएम जेबी सिंह ने एसडीएम और सीओ की कमेटी से जांच कराई। इसके अलावा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नोटस पर विवि प्रशासन ने भी जांच की |

एसडीएम की जांच में रैगिंग होने के सुबूत मिले थे। इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कुलपति डॉ. राजकुमार से जवाब तलब किया। देर शाम कुलपति ने एंटी रैगिंग टीम से पुन: जांच कराई, जिसमें 169 एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। पांच छात्र और चार छात्राओं ने अपने साथ रैगिंग होने का बयान दर्ज कराया। इन छात्रों ने वरिष्ठ छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया।

छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष डॉ. कल्बे जवाद को पद के हटाने के साथ दो शाक्यमुनि छात्रावास के दो अधीक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। छात्रावास के सभी सुरक्षाकर्मियों को नौकरी से भी हटा दिया गया है। विवि की मॉनिटरिंग टीम को पुनर्गठित करने और एंटी रैगिंग स्क्वाड को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एसएसपी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि विवि की ओर से अभी तक तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर  मुकदमा दर्ज किया जायेगा |