रोशन मिसरा, चन्दौली
दिल्ली : आने वाले समय में हाईपरलूप ट्रेन यातायात की परिभाषा को बदल कर रख देगी। यह पूरी तरह से ट्यूब ट्रांसपोर्ट टेक्नोलाजी है, जिसकी प्रति घण्टे की रफ्तार का अनुमान 1000-1200 किमी/घण्टा लगाया गया है। इसकी शुरूआत मुंबई से पुणे के लिए होने उम्मीद है। पूरी दुनिया में इस टेक्नोलाजी को लोकप्रियता मिल रही है। इसकी रफ्तार बुलेट ट्रेन से दुगुनी बतायी जा रही है। अब यह धरती पर ही जहाज की उड़ान की कल्पना दे देगी लेकिन इस सपने को अपना बनाने में कुछ साल इंतज़ार करना होगा। अब वह दिन दूर नहीं होगा जब घण्टों का सफर महज कुछ समय में पूरा हो सकेगा।
ये है सरकार का प्रोजेक्ट
मुंबई से पुणे की सफर मे जहां 3 घण्टे का समय लगता था अब उसे महज 23 मिनट में पूरी की जा सकेगी। अब भारत को इस सफलता के मिलते ही चीन और जापान जैसे तकनीकी सम्पन्न देश भी पीछे हो जाएंगे। हाईपरलूप एक आल्टर माडर्न तकनीक वाला सुपरफास्ट प्रोजेक्ट है। इस परियोजना में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जिसे पूरा करने में 7 साल का समय लगेगा। इस ट्रेन को पुणे में 11.8 किमी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा । इस पायलट प्रोजेक्ट में करीब 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हाईपरलूप सिस्टम शून्य से उत्सर्जन के साथ -साथ टिकाऊ भी होता है। इस सिस्टम से आने वाले 30 सालों में 86 हजार टन ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी आयेगा। ख़ुशी की बात है कि हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क के लिए देश में ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। सच कहा जाए तो यह कम दूरी की धरती पर हवाई यात्रा का सबसे अच्छा विकल्प होगा।