Display bannar

सुर्खियां

जादू-टोने के चक्कर में ना पड़े बल्कि ये इलाज कराये... जाने क्या

बिग पेजेस डिजिटल टीम


आगरा : इंदिरा आईवीएफ द्वारा 50 हजार बच्चे पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली गेट स्थित रवि वूमेंस हॉस्पिटल में रविवार शाम निसंतान दंपतियों के लिए एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया | इंदिरा आईवीएफ सेंटर की  प्रमुख  चिकित्सक डॉ० रजनी पचौरी ने बतौर मुख्य वक्ता बताया कि मां बनना हर महिला के लिए सबसे सुखद अनुभव होता है लेकिन किसी कारणवश वह मां नहीं बन पाए तो वह डिप्रेशन में आ जाती है साथ ही बांझपन एक बहुत बड़ा सामाजिक अभिशाप भी है| दुर्भाग्य की बात है कि भारत जैसे विशाल देश में सिर्फ एक फीसदी दंपत्ति ही निसंतानता का इलाज ले पाते हैं जिसकी मुख्य वजह है जानकारी का अभाव | आमतौर पर बहुत से निसंतान दंपत्ति अंधविश्वास, जादू टोने एवं झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं | समय रहते इलाज नहीं कराते हैं|  महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ मातृत्व क्षमता तेजी से कम होती है अगर समय रहते सही डॉक्टरों द्वारा आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से इलाज कराया जाए तो संतान प्राप्ति की जा सकती है | 

डॉ रजनी पचौरी ने बताया कि आईवीएफ की सफलता अच्छी तकनीकी, अत्याधुनिक लैब उपकरण एवं बेहतरीन टीम, भ्रूण  वैज्ञानिक डॉक्टर एवं स्टाफ पर निर्भर करती है|  इस दौर में हम अपने सेंटर पर 75 से 85 फीसदी सफलता प्राप्त कर रहे हैं| आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ रवि पचौरी ने स्टाफ एवं समस्त मरीजों को बधाई दी एवं बताया कि पुरुष बांझपन के केस भी बढ़ रहे हैं| जिन पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु बहुत कम हैं, निल हैं  या गति हीन हैं तो उनमें अंडकोष से स्पर्म लेकर आईसीएसई तकनीक द्वारा उनको पिता बनाया जा सकता है |