आगरा : ताजनगरी के वरिष्ठ साहित्यकार दंपत्ति कन्हैयालाल अग्रवाल 'आदाब' व डॉक्टर शैलबाला अग्रवाल की सुपुत्री नेहा अग्रवाल 'तमन्ना' की जयपुर के बोधि प्रकाशन से प्रकाशित प्रथम काव्य कृति 'दूब मखमली सी' का लोकार्पण बुधवार शाम फतेहाबाद रोड स्थित ताज कन्वेंशन सेंटर में शहर के अनेक गणमान्य साहित्यकारों की गरिमामय उपस्थिति में किया गया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने नवोदित कवयित्री को अनवरत लेखन का आशीष दिया। समारोह के मुख्य अतिथि व केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर नंद किशोर पांडे ने कहा कि इन कविताओं द्वारा अछूते प्रसंगों को अभिव्यक्ति प्रदान कर समाज को दिशा देने का अद्भुत प्रयास कवयित्री ने किया है। विशिष्ट अतिथि और आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ। विनोद कुमार माहेश्वरी ने संग्रह को साहित्य के उज्ज्वल भविष्य का संकेत कहा। विशिष्ट अतिथि और आगरा आकाशवाणी के निदेशक अनुपम पाठक ने इसे संदेशप्रद कविताओं का संग्रह बताया। शांति नागर, डॉ राजेंद्र मिलन व डॉक्टर खुशीराम शर्मा ने आशीर्वचन दिए। समाजसेवी राधाबल्लभ अग्रवाल ने समारोह की अध्यक्षता की।
वहीं लोकार्पित कृति की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ। मधु भारद्वाज ने कहा कि श्रीमती नेहा अग्रवाल की कविताएं विषय गत विविधता को समेटे हुए एक मखमली एहसास कराती हैं। इन कविताओं की भाषा सहज और सरल होने के साथ संस्कारित है। वहीं नगर की प्रमुख साहित्यकार डॉ। अरुणा गुप्ता ने अपनी समीक्षा में कहा कि दूब मखमली सी कविता संग्रह में नेहा स्वयं प्रश्न बनकर खड़ी होती है और उत्तर देती है। कवयित्री के पिता श्री कन्हैयालाल अग्रवाल 'आदाब' का आशीर्वाद- संदेश निधि गर्ग ने पढ़कर सुनाया। निधि गर्ग ने इन कविताओं की सराहना करते हुए कवयित्री को अनेक शुभकामनाएं दीं।
नूतन अग्रवाल व पूनम जाकिर ने लोकार्पित काव्य-संग्रह से चुनिंदा कविताओं का वाचन करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर नेहा अग्रवाल 'तमन्ना' ने मन की बात कहते हुए अपने माता पिता को अपने लेखन का प्रेरणा स्रोत और अपनी लेखनी को जीवन के लिए ऊर्जा प्रदायिनी बताया। इससे पूर्व, विख्यात कवयित्री डॉ। शशि तिवारी ने मां शारदे की सुमधुर वंदना की। अतिथियों का परिचय आगरा महानगर लेखिका समिति की संस्थापक डॉ। शैलबाला अग्रवाल, हिचकी पत्रिका के संपादक डॉ। अमी आधार निडर, डॉ0 शशि गोयल, सुशील सरित व अशोक अश्रु द्वारा दिया गया। अतिथियों का स्वागत कनिका सिंघल, वरिष्ठ कवि राज बहादुर सिंह राज, विष्णु कुमार अग्रवाल, पीयूष सिंघल व सुचिता अग्रवाल द्वारा किया गया। समारोह का संचालन कवि कुमार ललित ने किया। संयोजन विष्णु कुमार अग्रवाल जी द्वारा किया गया। नेहा अग्रवाल तमन्ना ने आभार व्यक्त किया।