दयानंद बाल मंदिर आगरा कैंट की प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज
प्रधानाचार्या की धोखाधड़ी उस समय प्रकाश में आई जब पांच फरवरी, 2021 को भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा जीएसएलआई पालिसी के तहत जमा होने वाली धनराशि प्रधानाचार्या के 60 वर्ष मार्च, 2020 में पूर्ण होने संबंधी सूचना प्रेषित की गयी। प्रधानाचार्या के खेल का खुलासा होने के बाद मार्च, 2020 में उनको सेवानिवृत्ति का निर्देश दिया गया। बस यही से विद्यालय पर काबिज होने के प्रयास शुरू कर दिये गये। सबसे पहले प्रबंधक के साथ मिलकर फर्जी मुकदमा दायर कराया। प्रबंध समिति के किसी भी व्यक्ति को विद्यालय में प्रवेश न करने देने के लिए मुख्य द्वार पर बॉक्सर तैनात करा दिये गये। यही नहीं, संस्था का बैंक में वैध खाता होने के बावजूद दूसरी बैंक में नया खाता खुलवा लिया गया। प्राथमिकी में आरोप है कि विद्यालय का धन खुर्द-बुर्द करने के लिए ऐसा किया गया। इनके षड्यंत्र को उपनिबंधक फम्र्स सोसायटी ने विफल किया। उसने प्रधानाचार्या एवं रामवीर सिंह की शह पर बनायी गयी प्रबंध समिति एवं कार्यवाहियों को मान्यता देने से साफ इंकार कर दिया।
गौरतलभ हैं कि यह संस्था आर्यसमाज नामनेर द्वारा संचालित है लेकिन इन लोगों ने उपनिबंधक कार्यालय में प्रबंध समिति के नाम पर जो सूची भेजी, उनमें से कई का तो आर्यसमाज नामनेर से दूर का रिश्ता भी नहीं है। यहां तक कि इनमें एक व्यक्ति पूर्व में इसी विद्यालय में अस्थायी कर्मचारी रह चुका है। सर्वाधिक दिलचस्प तथ्य तो यह है कि उपनिबंधक फम्र्स सोसायटी एवं चिट्स आगरा कार्यालय ने जिस सत्यवीर सिंह ने अवैध घोषित कर दिया है, प्रधानाचार्या श्रीमती भसीन ने उसी के साथ मिलकर एचडीएफसी बैंक में नया खाता खोला है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि धोखाधड़ी एवं गबन करके विद्यालय की परिसंपत्यिों का दुरुपयोग कर रहे हैं। अपर पुलिस महानिदेशक आगरा परिक्षेत्र के आदेश पर दर्ज प्राथमिकी मेें सीता जुनेजा, वीरेंद्र सिंह खंडेलवाल, सत्यवीर सिह के नाम शामिल हैं। कुछ पदाधिकारी एवं कर्मचारी अज्ञात हैं।