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थारे सेठ जी रो सेठ मारो बाप लागे...


आगरा : अलौकिक श्रृंगारित खाटू श्याम बाबा और संगीत की मधुर ध्वनि पर होता संकीर्तन। जयकारों के बीच भक्तों ने अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही भक्तिमय गीतों पर झूमते श्रद्धालु। यह नजारा था शुक्रवार को लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन परिसर का, जहां श्री श्याम आस्था परिवार सेवा समिति की ओर से आयोजित  श्री श्याम तीज महोत्सव के अवसर पर लगातार 12 घंटे के श्री श्याम अखंड संकीर्तन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के सदस्यों ने खाटू श्याम जी के समक्ष पावन ज्योति प्रवज्जलित कर मंगल आरती उतार कर किया।

फाल्गुन को मेलो भगता को रैलो...

प्रमुख गायक संजू शर्मा ने 'ये बाबा मोरछड़ी वाला...', 'जब से शरण में आया मेरा काम हो गया...', 'फाल्गुन को मेलो भगता को रैलो...'। कलकत्ता से आये गायक शुभम रूपम ने 'थारे सेठ रो सेठ मारो बाप लागे...', 'गली-गली ऐलान होना चाहिए हर मंदिर में श्याम होना चाहिए...'। जयपुर से आयी गायिका रजनी राजस्थानी ने 'जब भी श्याम दीवानो के सर पर संकट मड़रायेगा, कन्हैया दौड़ा आएगा...', 'आने वाली ग्यारस की रात है बस कुछ दिनों की बात है...'। नागपुर के गायक जय शर्मा ने ' 'तेरी रहमतो का दरिया सरे आम चल रहा है...' गोविंदगढ़ के मनोज शर्मा ने 'श्याम सरकार है ये सर झुकाने चले आओ...' और टाटा नगर के अनुभव अग्रवाल ने विनती कर रहा बारम्बार सुनो जी सरकार, खाटू के राजा मेहर करो... आदि भक्ति गीत गा कर भक्ति रस बिखेरा। 

रजनीगंधा और ऑर्चिड के फूलो से सजी श्री श्याम दरबार की मनोहारी छटा

श्याम बाबा का श्रंगार कलकत्ता से आये रजनीगंधा व ऑर्चिड के फूल, दिल्ली से आये सफ़ेद गुलाब व बेला के फूलो और कन्नौज के सुगन्धित इत्रों से सोनू गोयल ने श्याम दरबार सजाया। श्री श्याम तीज महोत्सव में पुष्प-इत्र वर्षा के मध्य अलौकिक श्रृंगार, अखंड ज्योति व श्याम रसोई का श्याम प्रेमियों ने भक्ति लाभ प्राप्त किया। संस्था द्वारा भव्य छप्पन भोग सजाया गया। देर रात तक चले संकीर्तन में श्यामप्रेमी खाटू नरेश की भक्ति में बेसुध हो कर भक्ति में झूमते रहे। 

खचाखच भरा रहा महाराजा अग्रसेन भवन का हॉल 

संकीर्तन में आये अन्य गायको की अपेक्षा कलकत्ता से आये खाटू श्याम प्रेमियों के दिल पर राज करने वाले प्रख्यात भजन गायक संजू शर्मा, शुभम रूपम और रजनी राजस्थानी को सुनने की दीवानगी ने ठंडक के मौसम में भी श्रोताओ को देर रात तक रोके रखा। संकीर्तन के दौरान अग्रसेन भवन लोहामंडी का हॉल खचाखच भरा रहा और श्याम बाबा के जयकारो से गुंजायमान होता रहा।