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क्या होता जा रहा है हमारी आज की युवा पीढ़ी को?


युवा अवस्था 
विज्ञान के लगभग प्रतिदिन नवीन नवीन अविष्कार, नित्य नवीन तकनीकियां जहाँ विज्ञान को, दुनिया को और समाज को नित्य नयी नयी ऊचाईयों पर पहुंचा रही है वहीँ इसके बिल्कुल उलट इन सारी लेटेस्ट अपग्रेडेड टेक्नोलॉजीज के भवंर मे आकर के आज की पीढ़ी के युवा किशोर एवं किशोरियां इन तकनीकियों के जायज प्रयोग के रूप में उपयोग ना करके वरन इन तकनीकियों का दुरूपयोग करके खुद को एवं अपनी बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था को एक अप्रत्याशित अपराध की ओर ढकेलते जा रहे हैं। 

अपरिपक्व एवं कच्ची उम्र में किशोरों एवं किशोरियों द्वारा जोड़े जा रहे बेमाने और भावनाहीन रिश्ते इन युवाओ को साइबर अपराध् मे कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं क्योंकि इन रिश्तों में ना कोई जुड़ाव ना ही कोई किसी प्रकार की ही भावनाएं शामिल रहती है सिर्फ किशोरावस्था एवं बाल्यावस्था में एक दूसरे के प्रति आकर्षण के रूप में प्रेरित बहुत कम समय के लिए पनपे ये रिश्ते कब इन बच्चों को गलत राह पर ले जाते हैं इस बात का अंदाजा खुद इन किशोरों को नहीं होता क्योंकि इस कच्ची उम्र में खुद ये किशोर इन पहलुओं को समझ पाने में असमर्थ होते हैं।
आज साइबर क्राइम इतना बढ़ता जा रहा है कहीं कोई लड़का इंटरनेट के माध्यम से अपनी ही दोस्त की इज्जत सरे आम तार-तार कर रहा है कही कोई किशोर इंटरनेट के माध्यम से आतंकवाद से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या होता जा रहा है हमारी आज की युवा पीढ़ी को? 
जिन नवीन तकनीकियों एवं विज्ञानं का प्रयोग इन युवाओ को अपनी मातृभूमि को नित्य नयी उन्नति के लिए करना है, अपने उज्जवल भविष्य को सवांरने के लिए करना है उन चीजों का दुरूपयोग करके क्यों अपना स्वर्णिम भविष्य अंधकारमय बनाने के लिए चले हैं? 



युवाओ तनिक संभलो इस देश को इन तकनीकियों के जरिये नयी ऊंचाइयों पर लेके जाना है।

 लेखिका  : चारु वार्ष्णेय
बिग पेजेस, अलीगढ़