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प्यार, विश्वास और त्याग का पर्व करवा चौथ

भारत परंपराओं का देश है, प्यार, श्रद्धा और समर्पण के इस देश में व्रत और पूजा-पाठ भी सच्चे और पवित्र प्रेम की कहानी कहते हैं। जिसका ताजा प्रमाण है करवा-चौथ का व्रत। इस परंपरगत त्यौहार को हमारी मीडिया ने भी बहुत ग्लैमराइज्ड कर दिया है इसी कारण ये त्यौहार आज उन लोगों में भी काफी लोकप्रिय है जो अपने आप को आधुनिक कहते हैं। यह भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में मुख्य रूप से मानाया जाता है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। पति की सलामती और तरक्की के लिए पत्नियों की ओर से रखे जाना वाला यह वर्त पत्नी के प्यार और समर्पण का सच्चा प्रमाण है वरना कोई किसी के लिए सुबह से शाम तक कैसे और क्यों बिना पानी के एक बूंद के रह सकता है। महिलाएं इस व्रत का बेसब्री से इंतजार करती हैं। सुबह चार बजे उठकप महिलाएं सरगी खाती हैं और उसके बाद पूरे दिन बिना पानी के रहती हैं। शाम को पूजा करने के बाद चांद देखकर अपनी पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं।