देश मेँ विश्वविध्यालय द्वारा कटी नाक को DEI कॉलेज ने बचाया... जाने कैसे
आगरा : विश्वभर में भले ही ताजमहल की खूबसूरती की वजह से आगरा सभी जगह ख्याति प्राप्त है पर शिक्षा के क्षेत्र में आगरा उतना ही फिसड्डी है| शिक्षा के क्षेत्र मे डॉ० भीम राव अंबेडकर विश्वविध्यालय ने नहीं बल्कि दयालबाग शिक्षण संस्थान ने आगरा मे शहर की नाक को काटने से बचाया है| भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी को कहीं भी स्थान नहीं मिला है प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार यह साफ जाहिर हो रहा है कि आगरा के युवाओं को कैरियर बनाने के लिए दूसरे शहरों का की ओर रुख करना पड़ेगा पर इसी बीच आपको जानकार खुशी होगी कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी की गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेम वर्क में दयालबाग शिक्षण संस्थान ने 72वीं रैंक हासिल कर ताजनगरी का गौरव बढ़ाया है। अब डीईआई भारत की टॉप सौ विश्वविद्यालयों में शामिल हो चुका है। डीईआई को जहां एमएचआरडी के द्वारा जारी की गई सूची में 72वीं रैंक मिली है वहीं डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय कहीं दूर दूर तक भी नहीं दिखाई दिया है। संस्थान को मिली इस उपलब्धि से संस्थान ही नहीं शहर भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
आपको बता दे कई मानकों के आधार पर चयन किया जाता है जैसे कि विवि देश के प्रमुख एवं गुणवत्ता व विश्वविद्यालयों की एमएचआरडी के द्वारा खोज कर रैंक देखी जाती है। ताकि विध्यार्थी अपना करियर बनाने के लिए सही विश्वविद्यालय का चयन कर सके। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालय की शिक्षा पद्धति एवं शिक्षा की गुणवत्ता को आधार बनाता है। जिसमे यूजीसी में मिली ग्रेडिंग, विवि में उपस्थित अनुशासन, उपलब्ध सुविधाएं एवं विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित किए गए शोध को भी शामिल किया जाता है। यही नहीं विश्वविध्यालय के पर्यावरण को भी ध्यान मे रखा जाता है|