आगरा : एक ओर जहां सरकारें बाल श्रम रोकने के लिये तमाम कवायदें करती है तो वहीँ पेट की भूख मिटाने के लिए गरीबी की मार झेल रहे तमाम ऐसे बाल मजदूर आपको देखने को मिल जाएंगे जो मजदूरी कर अपना पेट भरते हैं। बाल श्रम को रोकने के लिए सरकार द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है लेकिन अधिकारी बेसुध रहतें हैं।
ताजा मामला आगरा का है जहां उप श्रम आयुक्त के कार्यालय परिसर में गरीबी की मार झेल रहे ये मासूम नौनिहाल पानी का पाउच बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसा नहीं कि ये मासूम इस कार्यालय में पहली बार पानी बेच रहे हैं बल्कि यहां ये मासूम हर रोज उप श्रम आयुक्त कार्यालय आकर एक रूपये का पाउच बेचकर लोगों की प्यास बुझाते हैं और इसी के सहारे खुद अपना पेट भरते हैं।
बाल श्रम रोकने के लिए सरकार तमाम कदम उठती है इसके लिए लाखों रूपये प्रसार प्रचार में खर्च किये जाते हैं फिर भी परिणाम ढाक के तीन पात ही रहता है। गरीबी का दंश झेल रहे इन मासूमों को आप साफ़ देख सकते हैं कि तारघर के पीछे स्तिथ उप श्रम आयुक्त कार्यालय परिसर में पानी बेच रहे है और यहां हर आने जाने वाले लोगों के पीछे जा जाकर पानी के पाउच खरीदने की गुहार करते हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि यहां तैनात अधिकारी और कर्मचारी सब कुछ देखने के बाद भी मूक दर्शक बने रहते हैं। जबकि सरकार के साफ़ निर्देश हैं कि बाल मजदूरी को रोककर बाल मजदूरी करने वाले मासूमों को शिक्षा देने के लिए उनका स्कूल में प्रवेश कराया जाए लेकिन भला इन अधिकारियों को सरकार के आदेश का कोई फर्क नहीं पड़ता है और पड़े भी क्यों?
आज जब भाजपा के तमाम नेता और विधायक कार्यालय में आकर मजदूरों को चेक बाटेंगे ऐसे में उनके आने के समय यह बच्चे पानी बेच कर समाज को मुह चिढ़ा रहे हैं और शायद इसके जिम्मेदार हम हैं|
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