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एक मुलाक़ात तूलिका कपूर के साथ... रूबरू होइए कुछ अनकही बातों से उनकी ही जुबानी


आइये दोस्तो, आज हम आपको उनसे मिलाने वाले है जिनका नाबाबों के शहर मे बचपन बीता और ताजमहल के शहर मे उनकी शादी हुई| जी हाँ, हम बात कर रहे है महोब्बत की नगरी आगरा की जींस टॉप पहन कर समाजसेवा करने वाली तूलिका कपूर की, जो अपनी समाजसेवा से शहर को देश का भावी भविष्य दे रही है| वैसे तो तूलिका को लोग पर्सनलिटी एक्सपर्ट के नाम से भी जानते है पर हम आपको बताते है कि वे बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ मल्टी टेलेंटेड भी है| आइये विस्तार से जानते है उनके और उनकी समाजसेवा से जुड़े क्रियाकलापो के बारे मे... 

तूलिका अपनी शुरुआत के बारे मे हमारे पाठको को बताए?
मेरी अपनी पढ़ाई लखनऊ व आगरा से की| शादी जल्दी हो गयी तो बाकी की शिक्षा मेने सुसराल से ही की| मेरे पति राजन व सास-ससुर ने मेरा हर कदम पर साथ दिया और उनकी ही प्रेरणा से मेने आगरा मे आकांक्षा संस्था मे लगभग 15 वर्ष अपनी सेवाए दी| 

अपने परिवार मे कौन-कौन है?
मेरे पति, सास-ससुर व मेरी दो बेटियाँ है जिसमे से एक बेटी की शादी हो चुकी है| 

कब लगा की आपको मलिन बस्तियो मे उतर कर काम करना चाहिए?
मैं जब छोटी थी तो मदर टरेसा जी को गरीबो के लिए सेवा करते देखती थी और मदर टरेसा से मुझे बहुत स्नेह मिला है उनके जाने के बाद मुझे लगा मुझे भी मलिन बस्तियो के कमजोर बच्चो को पढ़ना चाहिए और इस पर मेने आकांक्षा संस्था के साथ काम भी किया| 

जींस-टॉप वाली तूलिका को शुरुआत मे किन चुनौतियाँ सामना करना पड़ा?
अब अपने बोल ही दिया जींस-टॉप वाली तूलिका तो सबसे बड़ी चुनौती इस पुरुष प्रधान देश मे जींस टॉप ही थी कोई यकीन ही नहीं करता था कि कम उम्र की जींस-टॉप पहने वाली क्या समाजसेवा करेगी? मुझे ये यकीन भी दिलाना था कि मैं यहाँ कुछ करने आई हूँ और फिर आर्यश्री के सहयोग से मेने मलिन बस्तियो मे लोगो के बीच जा कर बच्चो को पढ़ना शुरू किया| 

ये आर्यश्री क्या है? इसके बारे मे भी बताए|
आर्यश्री एक संस्था है जिसकी शुरुआत मेने 2002 मे पर्सनलिटी डेवलेपमेंट इंस्टिट्यूट के रूप मे की और ये आगरा मे पहला ऐसा स्कूल था जहां युवाओ को पर्सनलिटी डेवलेपमेंट के टिप्स दिये जाते थे| 2006 मे गरीब बच्चो के लिए प्ले स्कूल की भी शुरुआत की| वहाँ मेने बच्चो की इंग्लिश पर ध्यान दिया| उसके बाद आर्यश्री के तहत ही मेने आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई महिलाओ व युवाओ के लिए योगा, डांस, ड्राइंग, पपेट मेकिंग, मेहंदी, ब्युटिशन जैसी रोजगार परख कोर्स भी शामिल किए| जिनका लाभ लोगो को मिल रहा है| 

गरीब बच्चो को आर्यश्री तक कैसे लाया जाता है?
मैं शुरुआत से ही शिक्षा के क्षेत्र मे काम करना चाहती थी समाज ने सभी को बहुत कुछ दिया है तो हमारी भी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम भी समाज को कुछ वापस दे, इसी सोच के साथ मैं मलिन बस्तियो मे जाती थी और जो बच्चे पढ़ने स्कूल नहीं जाते थे उनके माता-पिता से उनको पढ़ाने की ज़िम्मेदारी ले कर बाकी बच्चो के साथ पढ़ती हूँ और आज आलम ये है कि अब अगर किसी बस्ती मे कोई भी बच्चा पढ़ने स्कूल नहीं जाता तो कोई भी महिला बच्चे को पकड़ कर हमारे पास ले आती है और कहती है कि मेडम जी ये बच्चा बहुत शरारती है आप इसको आर्यश्री मे पढ़ाओ | बस कुछ इस तरह बच्चे आर्यश्री से जुड़ जाते है| 

तूलिका आपसे एक आखिरी सवाल, अपनी पर्सनल और सोशल लाइफ को कैसे मैनेज करती है?
लाइफ मे बैलेंस करके चलना बहुत जरूरी हो जाता है वरना निजी जिंदगी पर असर होना लाज़मी है मैं हर काम को निर्धारित समय देती हूँ यही कारण रहा कि मेरे परिवार ने मेरा समय-समय पर उत्साहवर्धन किया| आपको नहीं पता होगा मैं प्रशिक्षित कत्थक डांसर भी हूँ जब भी समय मिलता है अपने पढ़ने के शौक के साथ ही पेंटिंग के शौक को भी पूरा करती हूँ, तो पर्सनल व सोशल लाइफ को अलग-अलग समय दे कर मैनेज करती हूँ| 

अब बिग पेजेस पर वीडियो मे सुनते है तूलिका कपूर से आर्यश्री के बारे मे...