आगरा : श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का पहला प्रकाश पुरुब ऐतहासिक गुरुद्वारा श्री दूख निवारण साहिब गुरु का ताल पर बड़ी श्रद्धा एवं भक्ति पूर्ण वातावरण में मनाया गया । मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने कहा की श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में सिर्फ सिख गुरुओ के उपदेश नहीं है बल्कि इसमें 30 दूसरे हिन्दू एवं मुस्लिम विचारको की बाते भी सम्मलित है । अतार्थ ये साँझा ग्रन्थ है । कार्यक्रम का शुभारंभ में हजूरी रागी भाई कुलदीप सिंह कोमल ने गुरबानी का गायन करते हुए श्री गुरु ग्रन्थ साहिब से धुर की बानी आयी तिन सगली चिंत मिटाई का गायन करते हुए की जो इंसान इस बानी का गायन करता है उसकी सारी चिंताए खत्म हो जाती है । हजूरी कथा वाचक भाई रणजीत सिंह ने कथा करते हुए बताया की श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाश 1 सितम्बर 1604 को गुरु अर्जुन देव ने हरमंदिर साहिब में चारो गुरूओ की बानी को संग्रहित कर की । इसके बाद दसवे गुरु गुरु गोविन्द सिंह ने नोवें गुरु तेग बहादुर साहिब के 116 सबद जोड़कर इसकी संपूर्ण किया । इसमें 1430 अंग (पन्ने ) है ।
ये हुए कार्यक्रम
भाई गुरजीत सिंह ने भी गुरबानी का गायन किया । भाई केवल सिंह ने कथा करते हुए इस पर प्रकाश डाला और कहा की श्री गुरु ग्रन्थ साहिब इन्सानियत और परोपकार की शिक्षा देती है ।
ये रहे मौजूद
टीटू सिंह, सतवीर सिंह, हरबंस सिंह, हरनाम सिंह, बाबा ईशर सिंह, हरपाल सिंह, बीबी रानी सिंह, चौधरी मंजीत सिंह, नरेंद्र सिंह खनूजा, गुरमीत सिंह सेठी, जसवंत सिंह, डॉ० अनिल कटार, मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह एवं समन्वयक बन्टी ग्रोवर