आगरा : चर्चित ऑडी मामले में दूसरे पक्ष ने अपनी बात मीडिया के सामने रख कर कहानी में नया मोड़ ला दिया है उनका कहना है कि आडी कार के मामले में यतेन्द्र भारद्वाज के द्ववारा हरिओम मल्होत्रा उर्फ पिन्टू मल्होत्रा व मेरे भाई राधे मल्होत्रा को कूट रचित साक्ष्यों के द्वारा बदनाम करने व छवि घूमिल करने साजिस की गई है। आडी कार के लेकर बीते दो दिनों से मीडिया में कई तरह की खबरे आ रही है। इन खबरों से मेरी छवि घूमिल हुई है।
हरिओम मल्होत्रा ने कहा कि आडी कार के संबन्ध में यतेन्द्र भारद्वाज ने गलत तथ्या से मीडिया में मेरी छवि ध्क्का पहुचाया है। जबकि हकीकत में आडी कार का सौदा दिनांक 22/01/2016 बजीपुरा निवासी यतेन्द्र भारद्वाज किया गया था। गाड़ी का सौदा 26 लाख रूपयें किया गया था। गाडी यतेन्द्र भारद्वाज की माता सुशीला चन्द्रमोहन भारद्वाज के नाम थी। 22/01/2016 को मेरे द्वारा 21 लाख रूपये का भुगतान यतेन्द्र को उसकी माता जी की उपस्थिती में किया गया। 21 लाख रूपये को बैंक में गाड़ी के एवज जो लोन पी. एन. वी. बैंक से लिया गया था। उसके भुगतान हेतु दिया गया। जबकि यतेन्द्र भारद्वाज के द्वारा 21 लाख रूपयें को कही और इस्तमाल कर दिया गया। जब मेरे द्वारा कई बार फोन पर व उसके घर जा कर आॅडी कार को अपने नाम छव्ब् देने की बात कही। तो वे तरह-तरह के बाहने बना कर मुझे टहलाता रहा। पाँच महीने पहले जब मैं और मेरे भाई राधे मल्होत्रा उनके घर पर गये तो उनकी माता जी से बात करके गाड़ी वापस कर दी।
उनका ये भी कहना है कि जब हमने अपने पैसे का तगादा किया तो उसने अपने आठ दस साथीयों को बुलाकर धमकाया हम वहाँ से चले आयें 15 दिन बाद समाज के जिम्मेदार लोगों ने बैठकर हम लोगो के बीच में यतेन्द्र भारद्वाज से समझौता करा दिया।