आगरा : एक पिता पिछले पांच महीने से अपने खोए हुए बेटे की तलास कर रहा है। यह व्यक्ति अब तक रेलवे ट्रैक पर 2000 किमी से ज्यादा साइकिल चला चुका है। बीते दिन यह व्यक्ति अपने बेटे की तस्वीर लिए एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचा और लोगों को बेटे की फोटो दिखाते हुए जानकारी लेता हुआ दिखाई दिया। हाथरस के द्वारिकापुर गांव के रहने वाले सतीश चंद्र का इकलौता बेटा पांच माह पहले अचानक गुम हो गया। दो दिन तक तलाश करने के बाद जैसे ही उसे ग्रामीणों से पता चला कि वो शाम के समय रेलवे ट्रेक पर खड़ी ट्रेन पर चढ़ गया था। इसके बाद सतीश चंद्र ने साइकिल उठाई और रेलवे ट्रेक के सहारे बेटे को ढूंढना शुरू कर दिया।
रेलवे ट्रैक पर 2000 किमी की साइकल यात्रा
सतीश चंद्र ने बेटे को ढूंढते हुए पांच महीने में करीब 2000 किमी तक रेलवे ट्रैक के सहारे साइकिल चला डाली। साइकिल से घूमते हुए सतीश को कुछ लोगो ने बरहन कस्बे में रेल ट्रैक के पास देखा। वहां के लोगो ने उसकी व्यथा सुन आगरा के महफूज संस्था के जोन कॉर्डिनेटर नरेश पारस को उसकी जानकारी दी।
थाने में दर्ज कराया था मामला, नहीं हुई कार्रवाई
सतीश चंद्र ने नरेश पारस को थाने की मोहर लगी तहरीर की कॉपी भी दिखाई, लेकिन जब नरेश पारस ने तहरीर के आधार पर हाथरस के गुमशुदा प्रकोष्ठ में नरेश पारस द्वारा जानकारी ली गई तो पता चला कि उसे सिर्फ तहरीर पर मोहर लगा कर दे दी गयी थी और उसके बेटे की गुमशुदा बच्चों में एंट्री तक नही हुई थी।
पुरानी दिल्ली, कानपुर, झांसी और बीना में की तलाश
वहीं, पीड़ित सतीश चंद्र ने बताया कि वह अपने बेटे की तलाश में पुरानी दिल्ली, कानपुर, झांसी और बीना तक तलाश कर आया लेकिन बेटे का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। उन्होंने बताया कि मैंने पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाई थी, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।