आगरा शास्त्रीय संगीत का एक मशहूर घराना है, और स्थानीन कलाकारों ने आज तक इन घरानों को जीवंत किया हुआ है। उन्हीं कलाकरों में से आगरा शहर के वरिष्ठतम ईएनटी सर्जन शानदार प्रतिभा के धनी डाॅ अजीत भटटृाचार्य जो किसी परिचय के मोहताज नहीं, उनकी तबलावादन में आगरा सहित दूर दूर तक ख्याती है। डाॅ अजीत भटटृाचार्य 78 वर्ष की उम्र में भी गजब की तेजी व स्फूर्ती से तबला बजाते है। अभी हाल ही में आगरा ताज महोत्सब में अपने हुनर को दिखा, संगीत प्रेमियों को मनमुग्ध कर दिया।
डॉ ऐ के भट्टाचार्य ने सन 1971 से कालीबाड़ी नूरी दरवाजा पर प्रैक्टिस कर रहे हैं तबला वादन का शौक उन्हें अपने बाल्यकाल में ही लग गया था, उनके पिताजी स्व श्री काली प्रसाद भट्टाचार्य जी एक प्रख्यात शास्त्रीय गायन करते थे, पिताजी की प्रेरणा से ही डॉ भटटृाचार्य जी ने तबले पर रियाज करना शुरू किया। डॉ भट्टाचार्य जी ने प्रारंभिक शिक्षा श्री श्यामलाल जी से ली बाद में श्री लल्लू सिंह जी और देवेंद्र वर्मा जी का भी आशीर्वाद लिया जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नही देखा, पंडित शमता प्रसाद (गुदई महाराज), अल्लारक्खां खान साहब आदि सभी की शागिर्दी में उन्होंने तबले का ज्ञान प्राप्त किया और आशीर्वाद भी
डॉ. ने दिल्ली कोलकाता मुंबई ग्वालियर भोपाल आदि कई शहरों में अपनी प्रस्तुति दी है और उन्हें कई पुरुस्कारों से नवाजा गया है आज भी 77-78 वर्ष की उम्र में वो हफ्ते तीन दिन चार चार घंटे का रियाज करते हैं और इसी से अपना स्वास्थ ठीक रखते है