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राशन डीलर्स ने की हड़ताल, नही बाटेंगे खाद्दान्न... जाने क्या है मांगे


आगरा: महानगर एवं जिले के सभी कोटेदारो ने अपनी मांगों के समर्थन में पांच मई से हड़ताल पर आ गए है।  फेयर प्राइज शॉप डीलर्स एसोसियशन के आह्वान पर शुक्रवार को पालीवाल पार्क पर एक बैठक कर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया था। बताते चले कि आज से तीन माह पूर्व भी कोटेदारो ने अपनी सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में अनिश्चित हड़ताल की थी। हड़ताल को खत्म करने के लिए खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मार्च तक कोटेदारो की सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। पांच माह बाद भी मांगे पूरी न होने पर कोटेदारो ने एक बार फिर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। 

आगरा में कोटेदारो की हड़ताल से कार्डधारक परेशान
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गरीब परिवारों को सस्ते मूल्य के अनाज का वितरण माह की पाँच तारिख से प्रारंभ हो जाता है। कोटेदारो के हड़ताल पर जाने से लाखों परिवारों को अनाज के संकट का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को जिले और महानगर की सभी राशन दुकानों पर ताले मिले। हड़ताल की जानकारी न होने के कारण सुबह से कार्डधारक राशन लेने के लिए संभंधित दुकानों पर पहुँचे। यहां ताला देख सभी को हताश लौटना पड़ा।

ये है मांगे
एसोसियशन के महानगर अध्यक्ष अनिल चक्रवर्ती ने बताया है कि राशन कोटेदार शासन की मंशा के अनुरूप बायोमेट्रिक प्रणाली से सभी कार्डधारकों को सस्ते खाद्दान्न का वितरण कर रहे है। समय समय पर शासन के आदेशों का पालन कर कोटेदार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है। बावजूद इसके विभाग द्वारा लगातार कोटेदारो की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। चक्रवती के अनुसार शासन स्तर से अभी तक कोटेदारो की कमीशन में वृध्दि नही की गई है। अभी हाल में कोटेदारो को प्रति कुंटल 70 रुपये की कमीशन दी जा रही है। इस कमीशन में कोटेदारो को अपने खर्चे पर गोदाम से खाद्दान्न का उठान करना पड़ता है। इस तरह प्रति कुंटल 60 रुपये का खर्चा माल भाड़े में ही खर्च हो जाता है। जबकि शासन के आदेश के बाद अभी तक डोर टू स्टेप डिलीवरी भी शुरू नही की जा सकी है। माल के उठान के समय खाली बोरी का वजन अलग से नही दिए जाने के कारण प्रति बोरी लगभग दो किलो वजन कम माल दिया जाता है।  केरोसिन के 200 लीटर के ड्राम में भी 5-6 लीटर कम माल मिलने से कोटेदारो को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

प्रॉक्सी सिस्टम पर संकट के बादल
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कुछ मानक है जिसके द्वारा गरीब परिवारों के घर तक 2 रुपये प्रति किलो गेंहू व 3 रुपये किलो चावल का वितरण किया जाता है। इसमे प्रति यूनिट 3 किलो गेंहू व 2 किलो चावल देने का प्रावधान है। माह की 5 तारीख से जिले व महानगर की दुकानों पर खाद्दान्न का वितरण शुरू किया जाता है। सर्वप्रथम ई-पॉश मशीन से बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत कार्डधारक का अंगूठा मैच कराकर उसे अनाज दिया जाता है। इसके बाद माह के अंतिम दिनों में शासन के आदेशानुसार जिन कार्डधारकों के उंगलियों के निशान मैच नही करते है अथवा जिनका आधार कार्ड लिंक नही हुआ है, ऐसे धारकों की आईडी प्रूफ जमा कराकर अनाज देने का प्रावधान है। बताते चले कि माह अप्रैल में कोटेदारो ने प्राक्सी सिस्टम से कार्ड धारकों को अनाज का वितरण नही किया था। सूत्रों की मानी जाए तो नवांगत जिलापूर्ति अधिकारी के सख्त आदेशो से नाराज कोटेदारो ने प्राक्सी न करने का निर्णय लिया। इससे हजारो परिवारों को माह अप्रैल के खाद्दान्न से वंचित होना पड़ा था। कोटेदारो द्वारा 5 मई से की जाने वाली हड़ताल से लाखों कार्डधारकों के सामने एक बार फिर संकट खड़ा होने जा रहा है।