विमल कुमार, बिग पेजेस, आगरा
आगरा : ताजनगरी मोहब्बत की नगरी है वैसे तो आगरा का नाम ताजमहल से विश्व विख्यात है पर इसी नाम को आगरा में कुछ तथाकथित इवेंट ऑर्गनाइजर खराब कर रहे हैं लगातार इवेंट में सुविधाओं के अभाव में प्रतिभागी को लज्जित होना पड़ता है तो कभी उसे कार्यक्रम से पूर्व जो सपने दिखाकर एंट्री फॉर्म बेचा जाता है वास्तविकता में उसे कुछ नहीं दिया जाता है | शहर में कुछ दिनों से फैशन शो कि मानो बाढ़ सी आ गई है एक या दो इवेंट कंपनियों को छोड़ दे तो लगभग सभी इवेंट कंपनी फैशन शो करा कर प्रतिभागी और प्रायोजक से पैसा एठने का कार्य कर रही है।
पहले तो प्रतिभागी को बड़े-बड़े सपने दिखा कर उसे झाल में फसाया जाता है फिर जब वो विजेता बनने के सपने देखने लगता है तो तभी तथा कथित आयोजक उनसे 5 हजार से 25 हज़ार रुपए तक मांगता है। उसके बाद जो सबसे ज्यादा रुपया आयोजक को अंत तक दे देता है कार्यक्रम में उसको विजेता बना दिया जाता है और जो प्रतिभागी विजेता बनने लायक होता है उसे कार्यक्रम से निराशा हाथ लगती है। एक डांस कोरियोग्राफर ने बिग पेजेस को अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि एक तथाकथित आयोजक ने तो एक सामाजिक संस्था के साथ मिलकर हर 15 दिन में एक इवेंट करने की ठानी है और फ़र्ज़ी टाइटल्स से प्रतिभागियों को विजेता बना कर उनसे विजेता बनाने की निर्धारित रकम वसूलता है।
हाल ही में सूरसदन में भी एक सामाजिक संस्था ने दिव्यांको पर कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे संस्था ने दिव्यांको के नाम पर इतने अधिक प्रायोजको से रुपया ले लिया की वो खुद भूल गए कि जिन प्रायोजकों की आर्थिक मदद से कार्यक्रम आयोजित हो रहा है कार्यक्रम में उनका भी विज्ञापन व सम्मान जरूरी होता है। ऐसे में अब प्रायोजक तथाकथित आयोजको का शिकार हो रहे है और बाद में अपने को ठगा महसूस कर रहे है।
सार्वजनिक कार्यक्रमो में अगर टाइटल्स बेचे जाने या प्रजोजक के साथ धोखाधड़ी की हमारे पास लिखित में आयोजक के खिलाफ शिकायत आती है तो कार्यवाई की जाएगी।
कामता प्रसाद, एडीएम सिटी, आगरा
आयोजक और प्रायोजक में आपसी सामंजस्य होना चाहिए क्योंकि कोई भी आयोजन बिना प्रायोजक के संभव नही है अगर प्रायोजक के साथ ही धोखा होगा तो भविष्य में होने वाले आयोजनों में कठिनाइयों का सामना सभी आयोजको हो झेलना होगा।
मनीष अग्रवाल, निर्देशक, रावी इवेंट्स
सबसे पहले तो इवेंट एसोसिएशन की ताजनगरी को आवश्यकता है ताकि कोई भी रजिस्टर्ड टाइटल्स से मिलते-जुलते शो न करा सके साथ ही निर्णायक मण्डल में आने वाले सेलिब्रटी गेस्ट का चयन कार्यक्रम के आधार पर हो ताकि लायक प्रतिभागी ही विजेता बने।
अमित तिवारी, निर्देशक, आरोही संस्था
आगरा में एक कार्यक्रम से पूर्व मुझे आयोजक ने फ़ोन पर आर्थिक सहयोग के एवज में पूर्ण महत्वता देने की बात कही परंतु आर्थिक सहयोग देने के बाद जब नोएडा से आगरा कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे तो आयोजक ने फोन तक नही उठाया और जब अपना रुपया वापस मंगा तो मुझे ही सोशल मीडिया पर प्रयोजक के रुपये को दान का पैसा बता कर वापस मांगने का कह कर बदनाम करने की धमकी दे दी।
पीड़ित प्रायोजक, नोएडा