पढ़ने की चाहत उम्र के किसी भी पड़ाव में पैदा हो सकती है। केरल के अलाप्पुझा जिले की 96 वर्षीय दादी इसका लेटेस्ट उदाहरण हैं। कार्थ्यायनी अम्मा जिले की सबसे बुजुर्ग छात्रा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने रविवार को अपनी जिंदगी का पहला इम्तिहान दिया, जिसमें वह सफल रहीं। परीक्षा हॉल में ड्यूटी कर रहे अध्यापक साथी (Sathi) ने बताया कि अम्मा परीक्षा देते वक्त आत्मविशवास से भरी थीं।
इस परीक्षा में मिले पूरे अंक
पढ़ने की चाहत उम्र के किसी भी पड़ाव में पैदा हो सकती है। केरल के अलाप्पुझा जिले की 96 वर्षीय दादी इसका लेटेस्ट उदाहरण हैं। कार्थ्यायनी अम्मा जिले की सबसे बुजुर्ग छात्रा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने रविवार को अपनी जिंदगी का पहला इम्तिहान दिया, जिसमें वह सफल रहीं। परीक्षा हॉल में ड्यूटी कर रहे अध्यापक साथी (Sathi) ने बताया कि अम्मा परीक्षा देते वक्त आत्मविशवास से भरी थीं।
45 हजार से ज्यादा बुजुर्गों ने दी परीक्षा
एग्जाम कॉर्डिनेटर साथी ने बताया कि अम्मा इस बात से नाखुश थीं कि परीक्षा में उन सभी सवालों को नहीं पूछा गया, जिनकी तैयारी उन्होंने की थी। अम्मा को लगता है कि उन्होंने बिना कारण ही इतनी पढ़ाई की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साक्षरता मिशन के तहत इस साल केरल में 45 हजार से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों ने परीक्षा दी है। 96 वर्षीय कार्थ्यायनी अम्मा इसी साल जनवरी में साक्षरता अभियान के तहत पढ़ाई शुरू की थी। लिखित परीक्षा पास करने के बाद उन्हें अगले साल चौथी कक्षा दाखिला मिल जाएगा। जाहिर सी बात है कि 96 साल की यह महिला बड़े-बड़ों में हौसला भर सकती हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स