बबलु राठौड़, बलवाड़ी
बलवाड़ी : पोला त्योहार भादो माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बैलों का श्रृंगार कर उनकी पूजा की जाती है। बच्चे मिट्टी के बैल चलाते हैं। इस दिन बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता है। और इस दिन में बैलो से कोई काम भी नहीं कराया जाता है। और घरों में महिलाएं व्यंजन बनाती हैं। भारत देश कृषि प्रधान देश है। यहाँ कृषि में मवेशियों का भी विशेष महत्व होता है। इन मवेशियों को पूजा भी जाता है जिनमे से एक त्यौहार है पोला।
पोला के दिन किसान और अन्य लोग भी इनकी पूजा करते हैं। बैलो को सजाया जाता है रंग- बिरंगे कलर लगाए जाते हैं । यहां के लोगो की आय का मुख्य स्रोत कृषि से ही है । ज़्यादातर लोग खेती करने में आज भी बैलो का ही प्रयोग करते हैं। साल भर इनके द्वारा मेहनत की जाती है इसलिए इनके धन्यवाद के लिए भी पोला पर्व मनाया जाता है। पोला-पिठोरा मूलत: खेती-किसानी से जुड़ा त्योहार है। भाद्रपद कृष्ण अमावस्या को यह पर्व विशेषकर महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है | महाराष्ट्र से सटे होने के कारण वरला, बलवाड़ी,दुगनी, वैजापूर धवली सहित पूरे क्षेत्र के पोला त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं।