आगरा : लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में महाराजा अग्रसेन सेवा समिति द्वारा आयोजित संगीतमयी श्री नरसी मेहता की कथा (नानी बाई का मायरा) मे चौथे दिन सोमवार को नरसी के प्रसंग के चौथे चरण संवाद का वर्णन किया गया | व्यासपीठ से श्री वृन्दावन धाम से पधारे गौरदास महाराज ने बताया कि नरसी ने गृहस्थ धर्म का पालन करते हुए सम्पूर्ण जीवन भगवान को अर्पित कर दिया तो भगवान ने नरसी के सारे काम सँवारे और उनके जीवन में आने वाली हर विपत्ति को दूर किया |
कथावाचक गौरदास महाराज ने कहा कि जिस प्रकार अग्नि का स्वभाव जलना है चाहे आप उसमे हाथ अपनी इच्छा से डाले या अनजाने में पर वह आपका हाथ जलायेगी ही ठीक उसी प्रकार प्रभु के नाम का स्मरण या स्पर्श व्यक्ति के पापो को जलाता है चाहे उसने प्रभु का नाम किसी भी भाव से लिया हो | इसी के साथ जय श्री राधे के जयकारो से पूरा कथा स्थल गूंज उठता है | कथा के मुख्य यजमान महावीर प्रसाद मंगल एंव सुमन मंगल है |
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य रूप से अध्यक्ष सतीश मांगलिक, सयोजक मोहनलाल सर्राफ, महामंत्री बी०डी० अग्रवाल, कोषाध्यक्ष घनश्याम दास अग्रवाल, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, ओम प्रकश गोयल, दिनेश बंसल कातिब, किशन कुमार सर्राफ, सरजू बंसल, किशन मित्तल, अभिनन्दन बंसल, महेश जौहरी, विजय हुड्डी, अशोक मित्तल, सुरेंद्र मित्तल, गिरीश चंद्र गुप्ता, जगदीश प्रसाद गोयल
भागवत कथा मे आज
मीडिया प्रभारी सीपी चौहान ने बताया कि कथा के पांचवे दिन मंगलवार को नरसी प्रसंग में नरसी अपनी बेटी के घर पहुँचने का वर्णन किया जाएगा| भागवत कथा के समय में परिवर्तन है 20 अगस्त को प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक चलेगी।