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आगरा महोत्सव में है खरीदारी के साथ साहित्य का मिश्रण


आगरा : शाहगंज स्थित कोठी मीना बाजार में रावी इवेंट्स की ओर से लगाए जा रहे आगरा महोत्सव मिडनाइट बाजार के चौथे दिन सोमवार को जबरदस्त खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी | इन दिनों जैसे-जैसे दिवाली नज़दीक आ रही है तो लोगो को अपने घर व दफ्तर के सजावट के सामान के लिए आगरा महोत्सव पहली बना हुआ है |

रावी इवेंट्स के प्रबंध निर्देशक मनीष अग्रवाल ने कहा कि इंदौर के यशवंत का सोफा कम बेड, रियान की क्रॉकरी, बैड, फ्रेशअप और नीलकमल के गद्दे आदि मेले में मिल रहे है। वैवाहिक सीजन के लिए नई वैराइटी के फर्नीचर और अलमारी पर विशेष ऑफर दिये जा रहे हैं। कुटीर व लघु उद्योगों से जुड़े कई उत्पाद भी यहां उपलब्ध हैं। महोत्सव में लगी करीब दो सौ स्टॉल पर घर-गृहस्थी की हर वास्तु उपलब्ध है | 

आगरा महोत्सव समन्वयक अमित सूरी ने बताया कि शहरवासी खानपान का लुफ्त उठा रहे है तो वही जयपुर के अनारदाना ओर आम पापड़ भी खासा लुभा रहा है | सेल्फी की दीवानगी इस कदर देखी जा रही है कि मेले में युवा ऊंट की सवारी के साथ नारियल पानी आनंद लेते हुए फोटो ले रहे है |  आगरा महोत्सव प्रतिदिन 31 अक्टूबर तक दोपहर दो बजे से रात्रि दस बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा | आगरा महोत्सव में प्रवेश निःशुल्क है |


झूले का आनंद ले रहे 

बच्चो के मनोरंजन के लिए झूले भी लगे हैं| बच्चो के लिए ब्रेक डांस, ड्रैगन ट्रैन, कोलंबस झूला, टॉय ट्रेन, वाटरबोट जैसे झूले मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हुए है | बच्चो के साथ बड़े भी गर्न शूटिंग व रिंग वाटल का गेम भी खेल रहे है| 

युवतियों की पहली पसंद बना मिडनाइट 

फैशन के क्षेत्र में युवतियों को बरेली के झुमके, दिल्ली की लेदर की जैकेट, बेल्ट और टोपी पसंद आ रही है | आगरा कॉलेज की रेखा और पूजा अपने दोस्तों के साथ मिडनाइट बाजार में सौंदर्य प्रसाधन खरीदने पहुंची। उनका कहना था कि हम सभी दोस्त मिडनाइट बाजार का बेसब्री इंतजार करते है। 

अपनी ओर खींच रहा फायर पान  

आगरा महोत्सव में गर्मा-गर्म मंगौडे़ के स्वाद, होममेड चॉकलेट, ड्राय फ्लोअर, सोन पपड़ी, गुड की गजक, जयपुर का चूरन, फायर पान, दाल के पापड़ बेहद पसंद आ रहे हैं, मेले में रोज नई वैराईटी के उत्पाद प्रदर्शित किये जा रहे है।


हिंदी के प्रचार प्रसार में सिनेमा का योगदान

आगरा महोत्सव में लगे साहित्यिक पवेलियन में संस्था साहित्य संगीत संगम के तत्वावधान में  हिंदी के प्रचार प्रसार में सिनेमा में सिनेमा का योगदान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया। वरिष्ठ कवि अशोक अश्रु ने कहा हिंदी के प्रचार-प्रसार जो काम इन आजादी के 75 वर्षों में सरकार नहीं कर पाईं वही काम सरकार का एक पैसा खर्च किये बिना भारतीय सिनेमा ने कर दिखाया है। आयोजन की अध्यक्षता करते हुए डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि आज विदेशों में भी लोग हिंदी फिल्में देख देख कर हिंदी सीख रहे हैं । विशिष्ट अतिथि चंद्रशेखर शर्मा,  दिनेश श्रीवास्तव, सुधीर शर्मा और सुशील सरित ने भी अपने विचार रखे। पुस्तक प्रदर्शनी के समन्वयक आदर्श नंदन गुप्त ने सभी का धन्यवाद दिया। विचार गोष्ठी में श्री परमानंद शर्मा, डॉ. असीम आनंद, डॉ रमेश आनंद, प्रेम राजावत, मुकेश सक्सेना, संजय गुप्ता, नीलेन्द्र श्रीवास्तव आदि की उपस्थिति रही।

 ये रहे मौजूद 

इस अवसर पर प्रमुख रूप से मीडिया प्रभारी विमल कुमार, अनुज परमार, मुनेंद्र सिंह, दिलीप कुमार, सूरज कुमार, विनय सिन्हा, कुलदीप भदौरिया, अश्वनी वर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।