कृष्ण किसी के अभाव में नहीं सुदामा के भाव में रोये
व्यास कृष्णांग गौरव ने श्रद्धालुओ को बताया कि सुदामा के आने की खबर पाकर किस प्रकार श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक गए थे। "पानी परात को हाथ छूवो नाही, नैनन के जल से पग धोये।" अर्थात श्री कृष्ण अपने बाल सखा सुदामा की आवभगत में इतने विभोर हो गए के द्वारका के नाथ हाथ जोड़कर और अंग लिपटाकर जल भरे नेत्रो से सुदामा का हालचाल पूछने लगे। सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया| भागवत कथा के सातवें दिन कथा मे सुदामा चरित्र का वाचन हुआ तो मौजूद श्रद्धालुओं के आखों से अश्रु बहने लगे। कथा के अंत में शुकदेव विदाई का आयोजन किया गया |
भगवत कथा में आज
मिडिया समन्वयक अमित अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को गंगा लहरी की कथा का वर्णन किया जाएगा। कथा के मुख्य यजमान रौनक अग्रवाल,सलोनी अग्रवाल, दैनिक यजमान मनोज चतुरानी, सोनल चतुरानी औरनीरज मित्तल, ज्योति मित्तल ने श्री महापुराण की आरती की। इस अवसर पर संरक्षक नितेश अग्रवाल, गौरव गर्ग, आदित्य माहेश्वरी, अभिषेक गर्ग, नीरज गर्ग, अनुराग शर्मा, अमन अग्रवाल, स्वीटी गर्ग, आरोही गर्ग, शालू दीक्षित आदि मौजूद रहे।