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ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा से जानें करवाचौथ का महत्व और चांद निकलने का समय

 

कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महापर्व करवाचौथ का व्रत रखा जाता है. इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. करवाचौथ पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है. इस योग में चंद्रमा की पूजा करने से दांपत्य जीवन शुभ फलदायी साबित होगा. करवाचौथ का उपवास सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. कुंवारी कन्याएं भी मन अनुकूल जीवनसाथी पाने के लिए भी व्रत करती हैं. करवाचौथ महापर्व पर मां पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा की जाती है |

ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. इस बार करवाचौथ के दिन शाम में रोहिणी नक्षत्र 6 बजकर 41 मिनट पर लग रहा है. रोहिणी चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी है. पंचांग के अनुसार चौथ तिथि का आरंभ 12 अक्टूबर को रात में 2 बजे से आरंभ होकर 13 तारीख में मध्य रात्रि तीन बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगा |

ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा बताती है कि इस दिन सिद्धी योग भी बन रहा है. करवाचौथ दिन का आरंभ सर्वार्थ ​सिद्धि योग से हो रहा है. इस दिन शुक्र और बुध दोनों एक राशि यानी कन्या राशि में रहेंगे इसलिए इस दिन लक्ष्मी नारायण योग बनेगा. इसके अलावा बुध और सूर्य भी एक साथ होने पर बुध आदित्य योग भी बन रहा है. इसके साथ शनि अपनी राशि मकर में, गुरु मीन राशि में और बुध अपनी राशि कन्या में रहेंगे. तीनों ग्रह अपनीस्वराशि में रहेंगे और इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे. यह सभी मिलकर बहुत ही शुभ संयोग बना रहे हैं |

8 बजकर 20 मिनट पर उदय होगा चांद

करवाचौथ का चांद इस दिन रात 8 बजकर 20 मिनट पर उदय होगा. पंचांगों के अनुसार, करवा चौथ अश्विन माह में पड़ता है, जो कर्क राशि से मेल खाता हुआ मास माना जाता है. हालांकि यह (कार्तिक) केवल माह का नाम है जो इसे अलग-अलग करता है और सभी राज्यों में करवा चौथ एक ही दिन मनाया जाता है. करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी, जो कि भगवान गणेश के लिए उपवास करने का दिन होता है, एक ही समय होते हैं. विवाहित महिलाएँ पति की दीर्घ आयु के लिए करवा चौथ का व्रत और इसकी रस्मों को पूरी निष्ठा से करती हैं. विवाहित महिलाएँ भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं |