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समस्या का कारण हार्मोन में बदलाव, वजन और उम्र बढने से वैजाइनल वॉल डैमेज हो जाता है। इसी तरह से महिलाओं के वैजाइना में लचीलापन आ जाने से संबंध बनाने में समस्या आती है। इसके साथ ही पोस्ट डिलीवरी, पोस्ट मीनोपॉज भी महिलाओं में समस्या आती है। इसके इलाज के लिए एल्मा लेजर द्वारा फेमिलिफ्ट लांच किया गया है। यूरोगायनेकॉलोजिस्ट डॉ रोनेन गोल्ड, इजरायल ने बताया कि फेमिलिफ्ट सीओ टू लेजर टेक्नोलॉजी से काम करता है, इससे वैजाइनल टिश्यू हीट किए जाते हैं, इससे नए कॉलेजन बनने लगते हैं। वैजाइन की स्ट्रेंथ बढ जाती है और इम्युनिटी रेसिस्टेंस बढ जाती है। इससे एसयूआई और संबंध बनाने में आ रही समस्या का सर्जरी के बिना इलाज हो सकता है। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संचालन डॉ. मनप्रीत शर्मा व डॉ. वंदना सिंघल ने किया।
विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में 74 फीसद महिलाओं को एसयूआई की समस्या है, 40 की उम्र के बाद यह समस्या होती है। जिन महिलाओं के दो से ज्यादा बच्चे हैं, बीएमआई 25 से अधिक है, डायबिटीज और अस्थमा है, अत्यधिक चाय पीने के साथ तंबाकू का सेवन करती हैं तो उन्हें समस्या ज्यादा होती है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट 2015 -16 के अनुसार यूपी की 25 फीसद महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र में हो जाती है। अधिकांश के तीन बच्चे हैं। इसमें से 90 फीसद सामान्य प्रसव होते हैं, इससे भी महिलाओं को एसयूआई की समस्या बढ रही है।