श्रीकृष्ण-रुक्मणि का विवाह अपने आप में अनूठा : शिवमूर्ति द्विवेदी
आगरा : श्रीकृष्ण व रुक्मणि का विवाह और बैंड बाजे व ढोल नगाड़ो की धून पर नाचते गाते श्रद्धालु। ये नज़ारा था कमला नगर स्थित कर्मयोगी एन्क्लेव में चल रही श्रीमद भागवतकथा महोत्सव में छटवे कृष्ण-रुक्मणि विवाह में । मंगलवार को रासलीला व कृष्ण रुक्मणि के विवाह का वर्णन किया गया। व्यासपीठ से शिवमूर्ति द्विवेदी ने कहा कि श्रीकृष्ण और रुक्मणिजी का विवाह अपने आप में अनूठा है। इस दौरान प्रभु को कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन वे रुके या थके नहीं और अंततः उन्होंने रुक्मणिजी से विवाह किया। रुक्मणि-कृष्ण विवाह का अत्यंत मार्मिक विवरण श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किया। भक्तगण कृष्ण रासलीला और रुक्मणी विवाह के भजनो पर जमकर झूम उठे। जैसे-जैसे भागवत कथा आगे बड़ती जा रही हैं व्यास गददी पर विराजमान शिवमूर्ति महाराज के मुखाबिंद से इस कथा को सुनने के लिये श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ा रहा है। उन्होने श्रोताओ को बताया कि बिना भाव के भगवान कीमती चीजों को भी ग्रहण नहीं करते। यदि भाव से एक फूल ही चढ़ा दें तो प्रभु प्रसन्न हो जाते हैं।
भागवत कथा में आज
मिडिया समन्वयक विमल कुमार ने बताया कि हें माँ परिवार और उद्देश्य संस्था की ओर से आयोजित भागवत कथा में बुधवार सुदामा चरित्र वर्णन, फूलो की होली और व्यास पूजन किया जाएगा। कथा के मुख्य यजमान विरमा देवी, पवन अग्रवाल, अमिता अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल आदि आदि ने श्री महापुराण की आरती की।