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आर्य समाज नाई की मंडी शाखा ने वेद कथा और 21 कुण्डीय यज्ञ का किया आयोजन

आगरा। साज और आवाज के जादू ने जो एक बार भक्तिमय सुर छेड़ा तो कुलश्रेष्ठ भवन में आयोजित आर्य समाज नाई की मंडी शाखा के 62 वें वार्षिकोत्सव में मौजूद सैंकड़ो आर्यजनो के दिलो की धड़कने बढ़ गयी | वाद्य यंत्र हारमोनियम के तरानों पर दुनिया वालो देव दयानन्द दीप जलने आया था..., ओढली मेने ज्ञान की चादर ओढली..., ओउम जपने से तेरा जीवन संवर जायेगा..., मन मोहना कोई दर नहीं फिर दूर प्रभु का घर नहीं... मेरा रंग दे बसंती चौला... आदि भक्ति गीतों की प्रस्तुति ने प्रख्यात भजन गायक कंचन कुमार के संकीर्तन को नयी ऊंचाई पर पहुंचा दिया |

    तीन दिवसीय वेद कथा के समापन पर अलीगढ़ से आये मुख्य वक्ता आचार्य ब्रजेश महाराज ने कहा कि ऋषि दयानंद समग्र क्रांति के अग्रदूत थे केवल सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि राजनीतिक, आर्थिक, न्याय, महिला सम्मान सभी व्यवस्थाओं में क्रांति का सूत्रपात किया। वो आधुनिक भारत के राष्ट्रपितामह थे जिन्होंने भारत कों उसकी वास्तविक जड़ों से पुनः जोड़ा। 


    धर्मनगरी मथुरा से आये आचार्य स्वदेश महाराज ने श्रोताओ से कहा कि सुविचार व संस्कार से मनुष्य समाज और परिवार दोनों का कल्याण होता है। पवित्र वेद का प्रचार करने से जन्म जन्मांतर सफल होते है। प्रत्येक मनुष्य को अपने समाज और संस्कृति के प्रति जागरूक होना चाहिए। इस दौरान भजनोपदेशक कंचन कुमार ने भी अपने भजनों के माध्यम से वेदों को पढ़ने के साथ ही सत्य मार्ग पर लौटने का आह्वान किया। इससे पूर्व प्रातः 9 बजे चारो वेदो के मंत्रो से करीब दो सौ आर्यों ने 21 कुण्डीय महायज्ञ में आहुति देकर विश्व शांति की कामना की। कार्यक्रम का संचालन अश्विनी आर्य ने किया। इस अवसर पर प्रधान मनोज खुराना, भारत भूषण सामा, सुशील हसिजा, अनुज आर्य, विकास आर्य, उमेश पाठक, शांति नागर, युधिष्टिर आर्य, वीरेंद्र कनवर, सुभाष अग्रवाल, राकेश तिवारी आदि मौजूद रहे। 

इन्हे मिला आर्य सम्मान 

समापन पर आर्य समाज की नाई की मंडी शाखा द्वारा समाज में उत्कृष्ट सेवा कार्य करने पर डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, डॉ. संगीता शर्मा, डॉ. शरद गुप्ता, कांता बंसल, राहुल गुप्ता, मालती अरोरा, ऋषि गुप्ता और मधु गुप्ता को आर्य सम्मान से सम्मानित किया गया।